एक ही जगह दो-दो योजनाओं का चयन
गड़बड़ी . सरकारी राशि को लगे हैं सभी लूटने में नौरोत्तमपुर पंचायत के जुगीगड़िया में मनरेगा के तहत ग्रेड वन सड़क का होना था निर्माण कार्य प्रगति में रहते ही आरइओ विभाग द्वारा भी बना दी गयी सड़क पाकुड़ : सदर प्रखंड के नौरोत्तमपुर पंचायत के जुगीगड़िया गांव में पंचायत प्रतिनिधि एवं रोजगार सेवक की […]
गड़बड़ी . सरकारी राशि को लगे हैं सभी लूटने में
नौरोत्तमपुर पंचायत के जुगीगड़िया में मनरेगा के तहत ग्रेड वन सड़क का होना था निर्माण
कार्य प्रगति में रहते ही आरइओ विभाग द्वारा भी बना दी गयी सड़क
पाकुड़ : सदर प्रखंड के नौरोत्तमपुर पंचायत के जुगीगड़िया गांव में पंचायत प्रतिनिधि एवं रोजगार सेवक की सांठ-गांठ से मनरेगा योजना में लूट का मामला प्रकाश में आया है. जुगीगड़िया ढलाई रोड से तिलभीटा होते हुए कुमारपुर सीमा तक ग्रेड वन सड़क और पुलिया का निर्माण कराया गया है. इसकी योजना संख्या 1/15-16 है और प्राक्कलित राशि तीन लाख 86 हजार 200 रुपये थी. योजना के अभिकर्ता अशोक यादव ने पुलिया का निर्माण तो करा दिया गया.
इसके एवज में कुल 1 लाख 73 हजार रुपये की निकासी भी कर ली. परंतु सड़क का निर्माण नहीं कराया गया. आश्चर्य की बात यह है कि जिस स्थान पर मनरेगा योजना से ग्रेड वन सड़क निर्माण कराये जाने के लिए योजना पारित की गयी है, उसी स्थान पर आरइओ विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से पीसीसी सड़क का निर्माण करा दिया गया है. सवाल यह उठता है कि जब मनरेगा योजना से ग्रेड वन सड़क सह पुलिया निर्माण की स्वीकृति कर दी गयी है, तो उक्त स्थान पर आरइओ विभाग द्वारा पीसीसी सड़क का निर्माण करा दिया गया.
ग्रेड वन सड़क की जगह पर पीसीसी िनर्माण
योजना पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों के अनुसार मनरेगा योजना से जब सड़क सह पुलिया का निर्माण कराया जा रहा था, उसी दौरान आरइओ विभाग से पीसीसी सड़क निर्माण कराया जा रहा था. इसके बावजूद भी नौरोत्तमपुर पंचायत के बिचौलिया द्वारा जबरन रुपये की निकासी की जा रही थी. इसकी सूचना ग्रामीणों ने बीडीओ को भी दी थी. परंतु किसी ने भी भुगतान पर रोक नहीं लगाया.
ग्रामीणों ने की जांच की मांग
नौरोत्तमपुर के दर्जनों ग्रामीणों ने उपायुक्त को उक्त मामले में हस्तक्षेप करते हुए योजना मद में किये गये भुगतान की जांच की मांग की है. ग्रामीणों ने कहा कि नौरोत्तमपुर पंचायत में दर्जनों ऐसी योजना पारित की गयी है, जिसकी निकासी तो कर ली गयी है, परंतु धरातल पर काम कहीं नहीं दिखता है.