28 मामले निष्पादित पाकुड़ में लोक अदालत का आयोजन
24 लाख 57 हजार 417 रूपया राजस्व की वसूली की गयी पाकुड़ : सिविल कोर्ट पाकुड़ के न्याय सदन सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसका उदघाटन प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय गोपाल कुमार राय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर प्रधान न्यायाधीश श्री राय ने बताया कि यह एक ऐसा […]
24 लाख 57 हजार 417 रूपया राजस्व की वसूली की गयी
पाकुड़ : सिविल कोर्ट पाकुड़ के न्याय सदन सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसका उदघाटन प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय गोपाल कुमार राय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर प्रधान न्यायाधीश श्री राय ने बताया कि यह एक ऐसा मंच है जहां यदि लोग चाहें तो तुरंत न्याय मिलता है. जिसमें न तो अपील की गुंजाइश होती है न ही किसी की दलील. बैंक लोन के संबंध में विस्तृत रूप से बताया कि लोन को लेकर लोगों में विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ऋण माफी को लेकर भ्रामक स्थिति पैदा की जाती है. इस आशा में ऋण माफी के बदले उससे ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ जाता है.
लेकिन लोक अदालत जहां की ब्याज माफ कर लोगों के सुविधा का ख्याल रख कर ऋण की राशि देने की व्यवस्था की जाती है. अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी चंद्रभानु कुमार ने परक्राम्य लिखित अधिनियम के अंतर्गत चेक बाउंस के मामले पर कहा कि ऐसे मामले में अभियुक्त को किसी भी प्रकार का कोई रास्ता नहीं बचता है. क्योंकि चेक खुद एक साक्ष्य होता है. अत: अभियुक्त को चाहिए कि लोक अदालत के माध्यम से वह चेक की राशि का भुगतान प्रारंभिक अवस्था में ही कर दें. आगे उन्होंने बताया कि दामोदर प्रभु के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जो गाइड लाइन दिया गया है
उसके मुताबिक यदि वाद का विचारण प्रारंभ हो गया और पक्षकार सुलह समझौता करना चाहता है तो वैसे अवस्था में अभियुक्त को चेक की राशि के साथ-साथ उसका 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि न्यायालय में पहले जमा करना होगा. आगे उन्होंने बताया कि चेक के मामले में यदि अभियुक्त को सजा होती है तो चेक की दुगुनी राशि और दो वर्ष तक का कारावास भी होता है.
इस अवसर पर एसडीपीओ संतोष कुमार, प्राधिकार के सचिव एसएस यादव के अलावे अधिवक्ता, पीएलवी व ग्रामीण मौजूद थे. लोक अदालत में कुल 28 वादों का निष्पादन किया गया और 24 लाख 57 हजार 417 रूपया राजस्व की वसूली की गयी.