20 अरब राजस्व देने वाला पाकुड़ रहा उपेक्षित

नयी ट्रेनें तो दूर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव भी नहीं किया गया सुनिश्चित पाकुड़ : केंद्र की यूपीए टू सरकार द्वारा बुधवार को संसद में पेश किये गये अंतरिम रेल बजट ने फिर पाकुड़ जिले के रेल यात्रियों को निराश ही किया. चुनावी रेल बजट के रूप में रेल मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2014 4:09 AM

नयी ट्रेनें तो दूर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव भी नहीं किया गया सुनिश्चित

पाकुड़ : केंद्र की यूपीए टू सरकार द्वारा बुधवार को संसद में पेश किये गये अंतरिम रेल बजट ने फिर पाकुड़ जिले के रेल यात्रियों को निराश ही किया. चुनावी रेल बजट के रूप में रेल मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट से आने वाले लोकसभा चुनाव में यूपीए के समर्थक दलों के प्रत्याशियों को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

हावड़ा डिविजन अंतर्गत दूसरा सर्वाधिक राजस्व देने वाला पाकुड़ रेलवे स्टेशन की उपेक्षा किये जाने से यात्रियों वरन जिलेवासियों में आक्रोश व्याप्त है. प्रतिवर्ष लगभग 20 अरब रुपये सालाना राजस्व देने वाले पाकुड़ के रेल यात्रियों के लिए नयी ट्रेनों का परिचालन तो दूर पूर्व से चल रही एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव भी बजट में सुनिश्चित नहीं किया जा सका.

रेल बजट को लेकर जब राजद प्रदेश महासचिव सुरेश अग्रवाल से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि रेल सुविधाओं के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आंदोलन करना होगा. राजस्व के साथ हमें सुविधाएं भी रेलवे को देना होगा. संसद में पेश किया गया रेल बजट ने जिले के लोगों को निराश ही किया है .

जबकि वहीं यूथ कांग्रेस के राजमहल लोकसभा अध्यक्ष विजय हांसदा ने भी इसे उम्मीदों पर खरा उतरता हुआ नहीं पाया और कहा कि अंतरिम बजट में खासकर रेल यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. स्थानीय सांसद द्वारा रेल सुविधाओं को लेकर रेल मंत्री का ध्यान आकृष्ट नहीं कराये जाने के कारण कोई नयी सुविधाएं नहीं मिल पायी.

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