लगातार डायरिया, डेंगू व सेलेब्रल मलेरिया से हो रही मौत ने खोली विभाग की पोल

स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें नाकाफी पाकुड़ : जिले में लगातार डायरिया, मलेरिया, डेंगू व ब्रेन मलेरिया से लोगों की हो रही मौत ने स्वास्थ्य महकमा ही नहीं सरकार के खोखले दावे की पोल खोल कर रख दी है. भगवान भरोसे चल रहे स्वास्थ्य विभाग की सुस्त रवैया का ही नतीजा है कि एक बार फिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 5:48 AM

स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें नाकाफी

पाकुड़ : जिले में लगातार डायरिया, मलेरिया, डेंगू व ब्रेन मलेरिया से लोगों की हो रही मौत ने स्वास्थ्य महकमा ही नहीं सरकार के खोखले दावे की पोल खोल कर रख दी है. भगवान भरोसे चल रहे स्वास्थ्य विभाग की सुस्त रवैया का ही नतीजा है कि एक बार फिर जिले के लिट्टीपाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में चार मासूम की मौत ब्रेन मलेरिया से हो गयी है. गौरतलब हो कि अब तक डेंगू, मलेरिया, ब्रेन मलेरिया व डायरिया से जिले भर में एक दर्जन से भी ज्यादे लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. बावजूद न तो जिला प्रशासन ही अब तक सक्रिय हो पायी है और न ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से ही कोई कारगर कदम उठाया गया है.
जानकारी के मुताबिक डायरिया से पाकुड़, लिट्टीपाड़ा व पाकुड़िया प्रखंड में आधा दर्जन से भी अधिक लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. वहीं डेंगू से पीड़ित सदर प्रखंड के संग्रामपुर गांव में एक महिला व एक पुरुष की मौत हुई है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड की अगर बात करें तो शुरू से ही ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों में डायरिया, मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, वाइरल फीवर का कहर लगातार जारी है. महज दो दिन के भीतर चार मासूमों की जान ब्रेन मलेरिया से चले जाने के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की निंद खुली है. उपायुक्त के निर्देश के बाद आनन-फानन में बुधवार को प्रभावित गांव मखनी, निपनिया व अन्य गांवों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम भेजी गयी है. सवाल यह उठता है कि जब पूरे जिले में डायरिया, ब्रेन मलेरिया व डेंगू से लोगों की मौत हो रही है तो आखिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्यों नहीं इस दिशा में ठोस पहल की जा रही है?

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