पाकुड़. विद्यालय में मध्याह्न भोजन में चावल की हेराफेरी की रोकथाम को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से कड़े रुख अपनाए गए हैं. इसको लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक सह अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से एक आदेश पत्र जारी किया गया है. इसमें उल्लेख है कि विभिन्न माध्यमों से अक्सर ऐसी सूचनाएं प्राप्त होती हैं कि विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के चावल की प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा हेराफेरी की जाती है. विद्यालय में संचालित मध्याह्न भोजन एक केंद्र प्रायोजित योजना है. इस योजना के तहत विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दोपहर का पका हुआ भोजन मुहैया कराया जाता है. विभाग द्वारा समय पर चावल उपलब्ध नहीं कराये जाने तथा चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद होने की स्थिति में एक विद्यालय दूसरे विद्यालय से सीधे नियंत्रित पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी की अनुमति के बिना चावल का आदान-प्रदान किया जाता है. यह गंभीर मामला है, जिससे चावल गबन होने की संभावनाएं बनी रहती है. चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन कोषांग से अनुमति प्राप्त कर ही नजदीकी विद्यालय से चावल का आदान-प्रदान किया जा सकता है. इसके साथ ही चावल भंडार गृह के साथ-साथ विद्यालय की चाभी प्रधान शिक्षक अपने पास रखेंगे ताकि चावल की हेराफेरी पर अंकुश लगाया जा सके.
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