शस्त्र संचालन का प्रदर्शन कर मनायी भगवान परशुराम की जयंती
भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर पूजन हवन किया गया. सामूहिक रूप से स्तुति गान कर उनके व्यक्तित्व पर चर्चा की. शस्त्र संचालन का प्रदर्शन भी किया गया.
पाकुड़. नगर थाना क्षेत्र के चकबलरामपुर में शुक्रवार को प्रस्तावित ब्राह्मण धर्मशाला परिसर में भगवान परशुराम की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर पंडितों द्वारा पूजन हवन कार्यक्रम किया गया. पूरा परिसर भक्तिमय रहा. पूजन समारोह में सामूहिक रूप से स्तुति गान एवं पुष्पांजलि अर्पित की गयी. लोगों ने भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना कर उनके व्यक्तित्व पर चर्चा की. शस्त्र संचालन का प्रदर्शन भी किया गया. मौके पर सभा के अध्यक्ष भागीरथ तिवारी ने बताया कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास की शुक्ल तृतीया को हुआ था. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनायी जाती है. अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण भगवान परशुराम की शक्ति क्षीण नहीं होती थी. कहा कि परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे. महर्षि वेदव्यास, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, ऋषि मार्कंडेय सहित उन आठ अमर किरदारों में उनकी गिनती होती है, जिन्हें कलियुग तक अमर माना जाता है. कहा कि भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं और उनकी विशेषता को आज समाज की विषमताओं से मुक्त करने के लिए ब्राह्मण महासभा को सक्रियता से अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है. मौके पर कृपाशंकर अवस्थी, कैलाश झा, संजय कुमार शुक्ला, विभाष मिश्रा, मनीष चौबे, बृजेश पाठक, रितेश पांडे, कैलाश पांडे, संजीव झा, राजीव झा, अजय झा, भोला दुबे, धर्मेंद्र तिवारी, विमल दुबे, मुन्ना तिवारी, राजेश तिवारी समेत अन्य मौजूद थे.
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