प्रतिनिधि, महेशपुर महेशपुर बाजार का आंबेडर चौक हमेशा भीड़-भाड़ से भरा रहता है. चौक पर सामुदायिक शौचालय की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. यह शौचालय न केवल उपयोग से बाहर है, बल्कि दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण और उसमें फेंके जा रहे कचरे के कारण स्थिति और भी दयनीय हो गयी है. आंबेडकर चौक पर यात्रियों की भारी आवाजाही रहती है, क्योंकि यहां अधिकतर यात्री गाड़ियां खड़ी होती हैं. ऐसे में खुले में शौच जाने की मजबूरी लोगों के लिए बेहद असुविधाजनक बन जाती है, खासकर महिलाओं के लिए, जिन्हें सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सामुदायिक शौचालय होने के बावजूद उसकी दुर्दशा ने स्वच्छता और सुविधा दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दुकानदारों ने शौचालय पर कब्जा कर वहां दुकानें लगा ली हैं, जिससे न केवल शौचालय का उपयोग असंभव हो गया है, बल्कि आसपास की स्वच्छता भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. कचरे से भरे इस शौचालय का इस्तेमाल करना तो दूर, उसके पास खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है. यह स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही दिखाती है, बल्कि स्थानीय लोगों की अनदेखी और सार्वजनिक संपत्ति की अवहेलना को भी उजागर करती है. ऐसे में आवश्यकता है कि स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान दे और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे, ताकि सामुदायिक शौचालय का उपयोग शुरू हो सके और लोगों, विशेष रूप से महिलाओं, को राहत मिल सके. क्या कहते हैं ग्रामीण महेशपुर बस स्टैंड में बंद पड़े शौचालयों का अतिक्रमण हटाते हुए मरम्मत कर सुचारू रूप से चलाया जाता तो यात्रियों को भटकना नहीं पड़ता. महिलाओं-बच्चों को परेशानी नहीं होती. विश्वजीत उपाध्याय महेशपुर बस स्टैंड पर दो सरकारी शौचालय बंद पड़े हैं, जिसको प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को पहल करते हुए चालू कराने की आवश्यकता है. भुबन दत्ता महेशपुर बस स्टैंड पर शौच के लिए महिला हो या पुरुष राहगीर काफी परेशान रहते हैं. प्रशासन को शौचालय को चालू कराने की जरूरत है. राजू रजक स्थानीय प्रशासन को राहगीरों की सुविधाओं के लिए चाय नाश्ते की दुकानों का अतिक्रमण हटाकर शौचालय की मरम्मत व सफाई करानी चाहिए. मंटू घोष ——————————————————-
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