पाकुड़. जैन साध्वी गणिनी आर्यिका सुयोग्य नंदिनी माता ने शनिवार को पाकुड़ जिले में ससंघ मंगल प्रवेश किया. शहर के आंबेडकर चौक पर जैन समाज के लोगों ने उनका एवं उनके साथ आई अन्य जैन साध्वियों का स्वागत किया. उन्हें जैन धर्मशाला ले जाया गया, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर जैन समाज के महिला और पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए. स्वागत समारोह के बाद, जैन धर्मावलंबियों ने पाद प्रक्षालन कर आरती की. प्रवचन में उन्होंने कहा कि धर्म का पालन करते हुए पहले मनुष्य को एक अच्छा इंसान बनना चाहिए. इंसानियत सबसे महत्वपूर्ण है और व्यक्ति को बुराइयों से बचना चाहिए, लेकिन कुछ लोग दूसरों की निंदा करके पाप का अर्जन करते हैं, जिसे हमें टालना चाहिए. उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने धर्म के प्रति निष्ठावान रहें और अच्छाई की ओर अग्रसर हों. कहा कि णमोकार मंत्र का नियमित उच्चारण करने से साहस, शक्ति और विश्वास मिलता है, जो व्यक्ति को सुरक्षा कवच प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि पैदल यात्रा का मुख्य संदेश यह है कि देशवासियों को एकजुट होकर देश की सभ्यता और संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है. कहा कि भारत में बाहरी सभ्यताओं का प्रभाव बढ़ रहा है और लोग अपनी ही सभ्यता को छोड़कर अन्य देशों की सभ्यता को अपनाने लगे हैं, जिससे आने वाले समय में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि समय और माहौल दोनों बदल रहे हैं और लोगों को भारतीय संस्कृति को बचाए रखने के लिए अथक प्रयास करने होंगे. कहा कि मानसिक तनाव से बचने के लिए भारतीय संस्कृति की जड़ से जुड़ा रहना आवश्यक है. अगर हम अपनी संस्कृति को भुलाते हैं तो मानसिक तनाव एक गंभीर समस्या बन सकता है, जिससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा. इस अवसर पर अजय जैन, निर्मल जैन, प्रकाश जैन, सुरेश बाकलीवाल, राजेन्द्र बाकलीवाल, रोहित जैन, मनोज जैन, मुन्ना जैन आदि मौजूद थे.
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