संवाददाता, पाकुड़ झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में रविवार को एक दिवसीय जिलास्तरीय मल्टी-स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में न्याय सदन सभागार में कार्यक्रम में एमएसीटी और पॉक्सो एक्ट से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गयी. पीडीजे ने कहा कि पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए पुलिस, चिकित्सा और प्रशासनिक अधिकारियों की अहम भूमिका है. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं को समय सीमा के भीतर पूरा कर अदालत में प्रस्तुत किया जाये. थाना प्रभारियों को सलाह दी गयी कि किसी भी मामले में चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट समय पर दाखिल की जाये. पॉक्सो एक्ट पर चर्चा करते हुए, पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों को संवेदनशीलता और तत्परता से कार्रवाई करने को कहा गया. दुष्कर्म पीड़ितों के लिए 24 घंटे के भीतर मेडिकल जांच और उम्र निर्धारण से जुड़े दस्तावेज तैयार करने पर जोर दिया गया. सड़क दुर्घटनाओं पर एमएसीटी अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर ने कहा कि एफआइआर और अन्य दस्तावेज समय पर दाखिल होने से मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि जल्द मिल सकती है. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि दुर्घटना की सूचना 48 घंटे के भीतर ट्रिब्यूनल को भेजना अनिवार्य है. कार्यक्रम में सभी उपस्थित अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों का बोध कराते हुए, त्वरित न्याय की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने का आह्वान किया गया. मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, डीएसपी जितेंद्र कुमार सिविल सर्जन डॉ मंटु कुमार टेकरीवाल, जिले के सभी थाना प्रभारी, मेडिकल टीम के अधिकारी, मीडिएटर, पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सभी अधिवक्ता, सीडब्ल्यूसी के सदस्य, इंश्योरेंस कंपनियां के अधिवक्ता पीएलवी मौजूद रहे. ————————– डिस्ट्रिक्ट मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन
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