हफ्ते भर से हो रही बारिश से खेतों में बढ़ी चहलकदमी, किसानों ने शुरू की धनरोपनी

जिले में पिछले हफ्ते से लगातार बारिश होने से खेतों में चहलकदमी बढ़ गयी है. किसान सुबह-सुबह ही खेतों में हल जोतने से लेकर धनरोपनी करने के लिए पहुंचने लगे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 6:30 PM

रमेश भगत, पाकुड़.

जिले में पिछले हफ्ते से लगातार बारिश होने से खेतों में चहलकदमी बढ़ गयी है. किसान सुबह-सुबह ही खेतों में हल जोतने से लेकर धनरोपनी करने के लिए पहुंचने लगे हैं. लगातार हुई बारिश से एक ओर बिचड़ा पूरी तरह तैयार हो गया है. वहीं कई किसान लबालब भरे खेतों को तैयार कर धनरोपनी भी शुरू कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि पिछले दो सालों में बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल काफी प्रभावित हुई थी. इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस साल हुई अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

एक जुलाई से लगातार हुई बारिश :

पिछले हफ्ते से शुरू हुई बारिश ने लोगों को राहत दी है. बारिश शुरू होने से पहले पूरा जिला हीटवेव की चपेट में था. दिन की शुरुआत में ही चिलचिलाती धूप लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर देती थी. मानसून के आगमन के बाद भी तेज धूप ने किसानों को परेशानी में डाल दिया था. लेकिन मौसम ने करवट ली और फिर मामला किसानों के पक्ष में आ गया. कृषि विभाग से मिली जानकरी के अऩुसार 7 जुलाई को 20.18 एमएम, 6 जुलाई को 15.18 एमएम, 5 जुलाई को 23.36 एमएम, 4 जुलाई को 14.42 एमएम, 3 जुलाई को 33.72 एमएम, 2 जुलाई को 11.9 एमएम और एक जुलाई को 8.22 एमएम बारिश हुई है. इस बारिश से ना केवल खेत बल्कि नदी-नाले भी लबालब भर गये हैं. इससे किसानों को पिछले साल की तुलना में इस साल अच्छी फसल की उम्मीद है.

सवर्णा से राजेंद्र मंसूरी धान की खेती अच्छी : कृषि वैज्ञानिक :

कृषि वैज्ञानिक विनोद कुमार कहते हैं कि पिछले 20 सालों में सबसे खराब धान की खेती साल 2022 और 2023 में हुई थी. बारिश नहीं होने के कारण जहां बिचड़ा मर गया था, वहीं अंत में पानी नहीं होने से फसल अच्छी नहीं हो पायी थी. इससे किसानों को इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ा था. ऐसे में यहां के किसान यदि सवर्णा धान की जगह राजेंद्र मंसूरी धान की खेती करेंगे तो फसल 10 दिन पहले हो जाएगा. फसल की पैदावार भी सवर्णा की तरह ही होती है. ऐसे में किसान रबी फसल के लिए खेत का इस्तेमाल 10 दिन पहले से कर सकते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते अच्छी बारिश हुई. अब एक हफ्ता बारिश पर विराम लग जाएगा तो ऊपरी इलाकों में अरहर, मक्का, बाजरा, मंग, उड़द की खेती के लिए किसानों को समय मिल जाएगा. इस दौरान बिचड़ा भी सभी किसानों का तैयार हो जाएगा. इससे किसानों के खेत खाली नहीं रहेंगे. यदि बारिश अच्छी हुई तो इस साल किसानों को अच्छी पैदावार का भी फायदा मिलेगा.

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