पाकुड़िया. सीएचसी सभागार में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन के तहत एमडीए-आइडीए कार्यक्रम 2025 की सफलता को लेकर सभी पर्यवेक्षकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. इसकी अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भरत भूषण भगत ने की. बताया कि पाकुड़िया प्रखंड में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमडीए आइडीए कार्यक्रम 10 से 25 फरवरी तक चलेगा, जिसमें दो वर्ष से अधिक के लोगों को दवा खिलाई जायेगी. प्रखंड में 160 गांवों के 1,12,962 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में दवा खिलाई जायेगी. छुटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी. बताया कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है. इस वजह से प्रभावित अंगों जैसे हाथ, पांव का फूलना तथा हाइड्रोसील होना शामिल है. फाइलेरिया वुचेरिया व्हेनक्राफ्टिं नामक कृमी की वजह से फैलता है जो कुलेक्स मच्छर से फैलता है. डीइसी की गोली एल्बेंडाजोल उम्र के अनुसार एवं आइवरमैक्टिंन की दवा ऊंचाई के अनुसार साल में एक बार लोगों को जरूर सेवन करना चाहिए. मौके पर केटीएस संजय मुर्मू, नित्य कुमार पाल, बीपीओ प्रभात दास, सीतेश टुडू, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर गौरव कुमार आदि थे.
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