‘झारखंड में आदिवासियों को नहीं मिल रहा न्याय’, पाकुड़ में हिमंता बिस्वा सरमा ने हेमंत सोरेन पर बोला हमला

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर असम सीएम ने बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक तरफ कहती है कि वह आदिवासियों की सरकार है लेकिन उनके राज्य में आदिवासियों को न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने पाकुड़ हिंसा के 2 पीड़ितों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

By Kunal Kishore | August 1, 2024 4:52 PM

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पाकुड़ दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसपीटी कानून लागू होने के बाद भी आदिवासियों को न्याय नहीं मिल है. हिमंता ने हेमंत सोरेन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ सरकार दंभ भरती है कि वह आदिवासियों की सरकार है. आदिवासियों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार है. लेकिन उसके उलट पाकुड़ में जो हो रहा है वह अविश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि पाकुड़ हिंसा में घायल दो लोगों का इलाज सरकार नहीं करवा रही है.

संताल का डेमोग्राफी बदल रहा है

हिमंता बिस्वा सरमा ने पाकुड़ दौरे के दौरान हेमंत सोरेन सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पूरे संताल परगना में डेमोग्राफी बदली जा रही है. उन्होंने पाकुड़ हिंसा में पीड़ितों को बीजेपी की ओर से 1-1 लाख रुपये की आर्थिक मदद और कानूनी लड़ाई में मदद का ऐलान किया.

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सरमा को नहीं जाने दिया गया गोपीनाथपुर गांव

पाकुड़ पहुचें हिमंता सरमा को हिंसाग्रस्त गोपीनाथपुर गांव नहीं जाने दिया गया. इसपर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कैसे एक मुख्यमंत्री को कहीं भी जाने देने से रोका जा सकता है. सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन कभी भी असम आए तो उन्हें हम कहीं भी जाने से नहीं रोकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उन्हें कहा गया है कि वह गांव नहीं जा सकते क्योंकि घुसपैठिये हल्ला कर सकते हैं. इसपर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री घुसपैठियों के डर से झारखंड के गांव में नहीं जा सकता है तो राज्य की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल, पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में बकरीद के बाद दो पक्षों के बीच हिंसा हुई थी. इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी समुदाय पर हमला किया था. जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर सदन से लेकर सड़क तक राजनीति गरमा गई थी.

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