जेल के कैदियों को भारतीय न्याय संहिता के बारे में दी गयी जानकारी

मंडलकारा में कैदियों के बीच देश में सोमवार से लागू तीन नये कानून को लेकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar Print | July 1, 2024 5:41 PM

पाकुड़. झालसा के निर्देश पर मंडलकारा में कैदियों के बीच देश में सोमवार से लागू तीन नये कानून को लेकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के अध्यक्ष शेषनाथ सिंह के निर्देश पर कार्यक्रम की शुरुआत डालसा सचिव अजय कुमार गुड़िया, जेल अधीक्षक चंद्रशेखर प्रसाद सुमन, जेलर ललन कुमार भारती, डॉ एसके झा ने की. नये कानून को लेकर जेल अधीक्षक ने बंदियों को लेकर उनके हित में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी. डालसा के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने कहा कि आज से पूरे देश में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून लागू हो गया है. इन कानून के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि जीरो एफआइआर से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं. भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो. आरोपी और पीड़ित दोनों को अब प्राथमिकी, पुलिस रिपोर्ट, आरोप-पत्र, बयान व स्वीकारोक्ति सहित अन्य दस्तावेज 14 दिन के भीतर पाने का अधिकार होगा. नये कानून में महिलाओं एवं बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया होगा. यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ितों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल तुरंत मिले. किसी भी महिला को सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. गिरफ्तारी महिला पुलिस ही कर सकती है उनके वर्दी में नेम प्लेट लगा होना चाहिए. कोई भी किसी प्रकार की घटना का अंजाम देता हो तो उनका वीडियो ग्राफी एविडेंस के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. मौके पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ नुकुमुद्दीन शेख, संजीव कुमार मंडल, सहायक गंगाराम टुडू, मीडिएटर राजीव कुमार झा, समीर कुमार मिश्रा आदि मौजूद थे.

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