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झारखंड के महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है बंगाल, जाने क्या हैं चुनावी मुद्दे

Jharkhand Assembly Election: अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित झारखंड का महेशपुर विधानसभा ऐसा क्षेत्र है, जहां के लोगों को इलाज के लिए पड़ोसी राज्य जाना पड़ता है.

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Jharkhand Assembly Election|पाकुड़, रमेश भगत : झारखंड का महेशपुर विधानसभा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट है. पाकुड़ जिले के महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंड महेशपुर विधानसभा में शामिल है. यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ है.

Jharkhand Assembly Election 2024 Maheshpur St Assembly Constituency
झारखंड के महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है बंगाल, जाने क्या हैं चुनावी मुद्दे 5

लंबे अरसे बाद स्टीफन मरांडी लगातार दूसरी बार जीते चुनाव

इस विधानसभा सीट को लेकर एक आम मान्यता है कि हर बार चुनाव में यहां से विधायक बदल जाते हैं, लेकिन पिछले चुनाव में प्रो स्टीफन मरांडी लगातार दूसरी बार जीते. झारखंड बनने के बाद वर्ष 2000 में देवीधन बेसरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर महेशपुर के विधायक चुने गये थे.

महेशपुर विधानसभा सीट पर है झामुमो-भाजपा की टक्कर

उसके बाद 2005 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), 2009 में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) और 2014 व 2019 में झामुमो ने जीत हासिल की. संयुक्त बिहार में वर्ष 1995 में यहां से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) भी चुनाव जीत चुकी है. इस विधानसभा में वर्तमान में लड़ाई झामुमो और भाजपा के बीच ही है.

Maheshpur Assembly Contituency Bansloi River Jharkhand Assembly Election
महेशपुर में बहने वाली बांसलोई नदी का हाल. फोटो : प्रभात खबर

2019 में भाजपा के मिस्त्री सोरेन को स्टीफन ने 34106 वोट से हराया

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो प्रत्याशी स्टीफन मरांडी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी मिस्त्री सोरेन को 34,106 वोट से हराया था. स्टीफन मरांडी को 89,197 मत हासिल हुए थे. मिस्त्री सोरेन को 55,091 वोट मिले थे.

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लोकसभा चुनाव 2024 में झामुमो को मिली बड़ी बढ़त

देखने वाली बात यह है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में झामुमो को बड़ी बढ़त मिली थी. लेकिन विधायक और सरकार एक ही पार्टी के होने के बावजूद क्षेत्र के लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिला.

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे

  • महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कई मुद्दें हैं, जिस पर काम करने की काफी जरूरत है. पाकुड़ आकांक्षी जिलों में शामिल है. ऐसे में समझा जा सकता है कि इस जिले के तहत आने वाले प्रखंडों की समस्याएं भी परेशान करने वाली हैं. स्थिति यह है कि इलाज के लिए भी लोगों को बंगाल जाना पड़ता है.
  • इनमें से सबसे बड़ी समस्या गांवों को जोड़ने वाली सड़कों का नहीं होना, मुख्यालय की सड़क का जर्जर होना, पेयजल की समस्या, पलायन, महेशपुर को अनुमंडल बनाने की मांग, बस स्टैंड की मांग, स्टेडियम बनाने की मांग सहित कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर ग्रामीण मुखर होते रहे हैं.

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग खेती पर आश्रित हैं. हर कोई किसी न किसी तरीके से खेती से जुड़ा है. सब्जी की खेती का इलाके में चलन काफी बढ़ा है. ऐसे में किसानों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने की जरूरत है, ताकि फसल की पैदावार अच्छी हो. लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सके.

राजेश कुमार मडंल, स्थानीय निवासी, महेशपुर

जनप्रतिनिधि अपने ही क्षेत्र से हो : महेंद्र बेसरा

Mahendra Besra

महेशपुर प्रखंड के बड़कियारी गांव निवासी महेंद्र बेसरा संताली भाषा के कवि हैं. बताते हैं कि इलाके की तस्वीर तब बदलेगी, जब स्थानीय जनप्रतिनिधि गांव के स्तर पर बैठक कर समस्याओं को समझेंगे और फिर उसके समाधान के लिए प्रशासन की मदद से योजना तैयार करेंगे. ऐसा नहीं होने की वजह से ग्रामीण स्तर पर लोगों का जीवन बेहतर नहीं हो पा रहा है. बड़कियारी गांव में अपग्रेडेड प्लस टू हाइस्कूल है, लेकिन वहां जाने वाली सड़क खस्ताहाल है. गांव में पीने के पानी की समस्या है. रोजगार के लिए युवा पलायन कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि अपने इलाके से ही हो, क्योंकि बाहर से आने वाले नेता ज्यादातर बाहर ही रहते हैं. इसकी वजह से स्थानीय लोग उनसे मिलकर अपनी समस्या नहीं बता पाते.

महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंड में बिजली की समस्या है. पड़ोस के बंगाल के गावों में 24 घंटे बिजली रहती है, लेकिन हमारे इलाके में काफी कम बिजली रहती है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे एक ओर जहां व्यवसाय में तेजी नहीं आती है, वहीं रोजगार भी मंदा है.

पूर्णेंदु कुमार सिंह, स्थानीय निवासी, महेशपुर

क्षेत्र में नहीं रहते विधायक, विकास ठप : मिस्त्री सोरेन

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में महेशपुर विधानसभा से दूसरे स्थान पर रहे भाजपा नेता मिस्त्री सोरेन कहते हैं कि क्षेत्र में समस्याएं काफी हैं. सभी समस्याएं मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी है. इनका समाधान नहीं होने से ग्रामीण स्तर पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. झामुमो नेता स्टीफन मरांडी पिछले 10 साल से यहां के विधायक हैं, राज्य में उनकी सरकार है, वे चाहते तो इलाके का विकास काफी तेजी से करवा सकते थे. लेकिन, विधायक न केवल अपने क्षेत्र से गायब रहते हैं, बल्कि झामुमो सरकार ने भी इलाके पर ध्यान नहीं दिया. लोगों को रोजगार के पलायन करना पड़ रहा है.

Mishtri Soren Bjp

लोकसभा चुनाव 2024 में किसको मिला सबसे ज्यादा मत?

प्रत्याशी का नामपार्टी/दल का नामप्रत्याशी को मिले मत
विजय कुमार हांसदाझारखंड मुक्ति मोर्चा1,04,355
ताला मरांडीभारतीय जनता पार्टी61,467

महेशपुर (एसटी) विधानसभा : 2019 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी/दल का नामप्रत्याशी को मिले मत
स्टीफन मरांडीझारखंड मुक्ति मोर्चा89,197
मिस्त्री सोरेनभारतीय जनता पार्टी55,091

महेशपुर (एसटी) विधानसभा : 2014 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी/दल का नामप्रत्याशी को मिले मत
स्टीफन मरांडीझारखंड मुक्ति मोर्चा51,866
देवीधन टुडूभारतीय जनता पार्टी45,710

महेशपुर (एसटी) विधानसभा : 2009 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी/दल का नामप्रत्याशी को मिले मत
मिस्त्री सोरेनझारखंड विकास मोर्चा50,746
देवीधन टुडूभारतीय जनता पार्टी28,772

महेशपुर (एसटी) विधानसभा से अब तक कौन-कौन बने विधायक?

चुनाव का वर्षचुने गए विधायक का नामपार्टी का नाम
1952जीतु किस्कूझारखंड पार्टी
1957जीतु किस्कूझारखंड पार्टी
1962जोसेफ मुर्मूस्वतंत्र पार्टी
1967पी हांसदानिर्दलीय
1969कालेश्वर हेम्ब्रमहूल झारखंड
1972कालिदास मुर्मूकांग्रेस
1977विश्वनाथ मुर्मूजेएनपी
1980देवीधन बेसराझारखंड मुक्ति मोर्चा
1985देवीधन बेसराझारखंड मुक्ति मोर्चा
1990कालीदास मुर्मूकांग्रेस
1995ज्योतिन सोरेनमार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
2000देवीधन बेसराभारतीय जनता पार्टी
2005सुफल मरांडीझारखंड मुक्ति मोर्चा
2009मिस्त्री सोरेनझारखंड विकास मोर्चा
2014स्टीफन मरांडीझारखंड मुक्ति मोर्चा
2019स्टीफन मरांडीझारखंड मुक्ति मोर्चा

झारखंड में विधानसभा चुनाव कब है?

झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी तक है. इसके पहले राज्य में चुनाव करा लिए जाएंगे. झारखंड विधानसभा चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है.

झारखंड में विधानसभा की कितनी सीटें हैं?

झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं. इन सभी सीटों के लिए चुनाव कराए जाते हैं.

झारखंड में अभी किसकी सरकार है?

झारखंड में इस वक्त झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल की गठबंधन सरकार चल रही है. इसके मुखिया झामुमो के हेमंत सोरेन हैं.

महेशपुर (एसटी) विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा किस पार्टी ने जीत दर्ज की?

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित महेशपुर विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सबसे अधिक बार चुनाव जीता है. झामुमो ने 5 बार महेशपुर एसटी सीट पर जीत दर्ज की है. देवीधन बेसरा के बाद स्टीफन मरांडी इस सीट पर लगातार 2 बार जीतने वाले दूसरे विधायक बन गए हैं.

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