Jharkhand Chunav: पाकुड़ की तीन सीटों का क्या है गणित, कांग्रेस के हाथ होंगे मजबूत या BJP-आजसू का साथ लायेगा रंग

Jharkhand Chunav : 2019 के विधानसभा चुनाव में पाकुड़ जिले की तीनों सीटों पर इंडिया गठबंधन ने जीत दर्ज की थी. पाकुड़ में आलमगीर आलम, लिट्टीपाड़ा में दिनेश विलियम मरांडी और महेशपुर से स्टीफन मरांडी ने जीत दर्ज की थी.

By Kunal Kishore | November 22, 2024 11:32 AM
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Jharkhand Chunav, सानू दत्ता(पाकुड़) : पाकुड़ जिले की तीन विधानसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो गया है. अब हार-जीत के गणित में राजनीतिक पंडित उलझे हुए हैं. आम जनता अनुमान लगा रही है कि उनके विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का दायित्व किसे मिलेगा. राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे भले ही करें, लेकिन आश्वस्त कोई भी नहीं है. यह तस्वीर 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद साफ हो पाएगी.

आजसू और बीजेपी साथ में ठोक रहे ताल

पाकुड़ विधानसभा सीट पर इस बार 16 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमायी है. पर चुनाव मैदान में तीन ही दल नजर आये. इनमें इंडी गठबंधन की ओर से कांग्रेस, एनडीए की ओर से आजसू एवं सपा चुनाव मैदान में है. वर्तमान में पाकुड़ की सीट इंडी गठबंधन के पास है. वहीं एनडीए की ओर से भी पुरजोर प्रयास किया गया है. इधर, 2019 चुनाव में आजसू से चुनाव लड़ चुके अकील अख्तर ने सपा के टिकट से चुनाव लड़ा है.

2019 की तरह क्या पाकुड़ में फिर चलेगा कांग्रेस का जादू

वर्ष 2019 के चुनाव की अगर बात की जाए तो विधानसभा चुनाव में 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. परिणाम की अगर बात की जाए तो कांग्रेस के आलमगीर आलम व बीजेपी के बेनी प्रसाद गुप्ता के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली. इसमें आलमगीर आलम ने 65108 वोट के बड़े अंतर से बीजेपी के बेनी प्रसाद गुप्ता को शिकस्त दी थी. वहीं आजसू तीसरे स्थान पर रही थी. इस बार आजसू व बीजेपी फिर से एक होकर चुनाव मैदान में हैं. आजसू की टिकट पर अजहर इस्लाम पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम पहली बार चुनाव मैदान में है. अब 23 नवंबर को ही पता चलेगा कि साइकिल पर सवार हुई है जनता, भाजपा-आजसू साथ लाएगा रंग या फिर से कांग्रेस हाथ के हाथ होंगे मजबूत.

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लिट्टीपाड़ा में जेएमएम का चलेगा तीर या पहली बार बीजेपी मारेगी बाजी

लिट्टीपाड़ा विस सीट का चुनाव भी काफी दिलचस्प हो गया है. यहां जेएमएम का तीर चलेगा या फिर भाजपा अपना कमल खिलाएगी. चौक-चौराहों पर इसको लेकर जमकर चर्चा हो रही है. इस बार जेएमएम ने अपने सिटिंग विधायक दिनेश मरांडी को टिकट न देकर भाजपा से जेएमएम में आये अपने पुराने साथी हेमलाल मुर्मू को टिकट दिया है. इधर, टिकट न मिलने पर दिनेश मरांडी अंतिम वक्त में भाजपा में शामिल हो गए. यहां भाजपा व जेएमएम की सीधी टक्कर है. भाजपा ने बाबुधन मुर्मू को चुनाव मैदान में उतारा है. 2019 चुनाव परिणाम में यहां की जनता ने जेएमएम का साथ दिया था. 2019 चुनाव में 12 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमायी थी. जेएमएम को 46.53 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. वहीं 2019 चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़े दानियल किस्कू को 36.6 प्रतिशत वोट मिला था. 23 नवंबर को स्थिति स्पष्ट होगी कि दिनेश का साथ भाजपा का कमल खिलेगा या फिर जेएमएम अपना गढ़ बचाने में कामयाब होगी.

जेएमएम के स्टीफन लगायेंगे हैट्रिक या नवनीत खिलायेंगे कमल

महेशपुर विस सीट से इस बार 15 प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला 23 नवंबर को होगा. इस बार भी महेशपुर विधानसभा से जेएमएम और भाजपा की सीधी टक्कर है. जेएमएम से महेशपुर में दो बार से विधायक रहे स्टीफन मरांडी चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं भाजपा ने महेशपुर में डीएसपी के रूप में अपना सेवा दिए नवनीत एंथोनी हेंब्रम को चुनाव में उतारा है. 2019 चुनाव परिणाम की अगर हम बात करें तो 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिसमें जेएमएम से स्टीफन मरांडी को 53.94 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. वहीं भाजपा से चुनाव लड़े मिस्त्री सोरेन को 33.31 प्रतिशत वोट मिला था. इस बार टिकट कटने के बाद मिस्त्री सोरेन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. राजनीतिक पंडित अब अनुमान लगा रहे हैं कि जेएमएम के स्टीफन हैट्रिक लगाएंगे या फिर भाजपा के नवनीत के सिर ताज सजेगा. बहरहाल सारी कयासों में पूर्ण विराम 23 नवंबर को लग जाएगा.

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