राष्ट्रीय एकता, अखंडता व स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति थे वीर कुंवर सिंह
अभाविप सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव दिवस मनाया. बाबू वीर कुंवर सिंह चौक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया.
नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. अभाविप सदस्यों ने मंगलवार को वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव दिवस मनाया. इस अवसर पर उन्होंने बाबू वीर कुंवर सिंह चौक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. अभाविप नगर मंत्री हर्ष भगत ने कहा कि 1857 ई. के इस विद्रोह को भारत के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में माना जाता है. आज ही के दिन 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह ने जगदीशपुर स्थित अपने किले पर अंग्रेजों को हराकर अपना अधिकार फिर से प्राप्त किया था. इसलिए आज के दिन को विजयोत्सव दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों बाद तक बाबू कुंवर सिंह तथा अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाओं को दबाने की साजिश की गई. विश्वविद्यालय संयोजक बमभोला उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, अखंडता तथा स्वाभिमान के प्रतिमूर्ति के रूप में उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. हमारी युवा पीढ़ी को बाबू कुंवर सिंह से देशभक्ति का सीख ले कर मां भारती और समाज की सेवा में पूर्ण निष्ठा और पवित्रता के साथ लग जाना चाहिए. कार्यक्रम में नगर सह मंत्री सुमित सेन, महाविद्यालय अध्यक्ष आनंद भंडारी, हर्ष भगत, आदित्य सिंह, गौरव राज, सागर, संजय, विशाल सिंह, रितेश कुमार, अर्नब दास, उदय कुमार, अभिजित आनंद, अनुराग सिंह सहित अन्य मौजूद थे.