लिट्टीपाड़ा सीएचसी में डॉक्टरों और एएनएम की कमी, मरीज परेशान
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लिट्टीपाड़ा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस आदिवासी और आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल क्षेत्र के लगभग 98 हजार लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस केंद्र पर निर्भर हैं, लेकिन यहां डॉक्टरों की संख्या काफी कम है. सीएचसी में कुल चार डॉक्टर कार्यरत हैं, जिनमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मुकेश बेसरा, डॉ आनंद, डॉ ऋषभ और आयुष चिकित्सक डॉ शेखावत हुसैन शामिल हैं. इन चार डॉक्टरों में से केवल डॉ ऋषभ और डॉ आनंद ही ओपीडी संभाल रहे हैं, जबकि प्रभारी चिकित्सक अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं. इस तरह, दो डॉक्टरों पर 98 हजार लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल की जिम्मेदारी है. वहीं महिला डॉक्टर की भी कमी है. लिट्टीपाड़ा की ज्यादातर ग्रामीण महिलाएं इलाज के लिए सीएचसी आती हैं, लेकिन महिला डॉक्टर न होने के कारण उन्हें इलाज में परेशानी होती है. इसके चलते कई महिलाएं निजी क्लिनिक या अन्य जगहों पर जाने को मजबूर हैं. लिट्टीपाड़ा प्रखंड में 22 हेल्थ सब सेंटर हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर सुचारू रूप से नहीं चल रहे हैं. इन हेल्थ सब सेंटरों को संचालित करने के लिए 70 एएनएम की आवश्यकता है. फिलहाल केवल 40 एएनएम ही कार्यरत हैं. इस कारण ग्रामीणों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. बोले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा डॉक्टरों की कमी के बावजूद हम कोशिश करते हैं कि कोई भी मरीज बिना इलाज के वापस न जायें. सीएचसी को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें नौ डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल चार डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इस स्थिति के बारे में सीएस के माध्यम से सरकार को लिखा गया है, ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सके. -डॉ मुकेश बेसरा, सीएचसी प्रभारी, लिट्टीपाड़ा
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