संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं : पारसमणी

शहर के बिजली कॉलोनी में चल रहे नौ दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन कथावाचक पारसमणी जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 7:29 PM

पाकुड़. शहर के बिजली कॉलोनी में चल रहे नौ दिवसीय रामकथा के दूसरे दिन कथावाचक पारसमणी जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया. कथा कमेटी की ओर कथा को लेकर व्यापक तैयारी की गयी थी. शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गयी थी. इस दौरान प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गये. कथावाचक पारसमणी जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग बताते हुए कहा कि विवाह एक पवित्र संस्कार है, लेकिन आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहे हैं. जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है, ऐसे ही संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता. भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए. सृष्टि की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है. इसलिए इस कलयुग में दया धर्म भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार करता है. मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए भगवान की भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए. उन्होंने बताया कि किसी भी काम को करने के लिए मन में विश्वास होना चाहिए तो कभी भी जीवन में असफल नहीं होंगे. जीवन को सफल बनाने के लिए कथा श्रवण करने से जन्मों का पाप कट जाता है.

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