भगवान बनकर डॉक्टर सुशील ने सीपीआर देकर मरीज की बचायी जान

डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. मरने वालों में जान फूंकने की क्षमता डॉक्टर ही रखते हैं. अगर यह किसी सरकारी अस्पताल का डॉक्टर हो और उसके द्वारा किसी व्यक्ति के शरीर में जान फूंक दी जाए तो आम लोग उसे भगवान से कम नहीं समझेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 6:57 PM

महेशपुर.

डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. मरने वालों में जान फूंकने की क्षमता डॉक्टर ही रखते हैं. अगर यह किसी सरकारी अस्पताल का डॉक्टर हो और उसके द्वारा किसी व्यक्ति के शरीर में जान फूंक दी जाए तो आम लोग उसे भगवान से कम नहीं समझेंगे. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महेशपुर में गुरुवार को प्रखंड के रोलाग्राम गांव निवासी नीरज तुरी (24) कमजोरी को लेकर इलाज कराने के लिए महेशपुर अस्पताल के ओपीडी के लाइन में खड़ा था. जहां लाइन में खड़े उक्त युवक की तबीयत बिगड़ जाने से गिर पड़ा. जिसे देख ओपीडी के चिकित्सक सुशील कुमार ने भगवान बनकर व्यक्ति की जान बचा ली. डॉक्टर सुशील कुमार ने देखा कि मरीज गिरते ही बेहोश हो गया और हृदय गति रुक गयी. डॉक्टर सुशील कुमार ने घटना को देख ओपीडी छोड़कर उस युवक को अपने से सीपीआर देकर उसकी जान बचा ली. इसके बाद मरीज ने सांस ली.

अब मरीज खुद ले रहा है ऑक्सीजन :

डॉक्टर सुशील कुमार ने उस मरीज को सीपीआर देते हुए तुरंत ऑक्सीजन लगाने को कहा. इसके बाद डॉक्टर ने उक्त युवक के भीतर मानों जान फूंक दी हो. व्यक्ति अचानक सांस लेने लगा. वहीं स्वास्थ्यकर्मी समेत अन्य लोगों के साथ-साथ पूरे अस्पताल में पसरा मातम खुशी में बदल गया. अब युवक खुद ही ऑक्सीजन ले रहा है और पूरी तरह खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

क्या है सीपीआर तकनीक :

सीपीआर का मतलब है कार्डियोप्मोनरी रिस्सिटेशन है. यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फ़र्स्ट एड है. अगर किसी कारण कोई व्यक्ति बेहोश हो गया हो, दिल की धड़कन बंद हो गयी हो या पल्स नहीं चल रहा हो, तो ऐसे स्थिति में सीपीआर ही दी जाती है. इसकी मदद से पेशेंट को सांस लेने में सहायता मिलती है और सीपीआर से उसकी जान बचायी जा सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version