11वी पुण्यतिथि पर याद किए गए एसपी अमरजीत बलिहार व पांच जवान, एसपी ने कहा- देश की सुरक्षा के लिए शहादत होना सर्वोच्च बलिदान

पाकुड़ समाहरणालय परिसर स्थित अमरजीत बलिहार पार्क में शहीद एसपी अमरजीत बलिहार सहित पांच जवानों को 11वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया. उपयुक्त, एसपी, डीएसपी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 5:54 PM

पाकुड़. समाहरणालय परिसर स्थित अमरजीत बलिहार पार्क में मंगलवार को शहीद एसपी अमरजीत बलिहार सहित पांच जवानों को 11वीं पुण्यतिथि पर दो मिनट का मौन रखकर याद किया गया. उपयुक्त मृत्युंजय कुमार वर्णवाल, एसपी प्रभात कुमार, मुख्यालय डीएसपी जितेंद्र कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने शहीद एसपी अमरजीत बलिहार की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. शहीद आरक्षी संतोष मंडल के भाई श्रीराम मंडल, शहीद आरक्षी मनोज कुमार की पत्नी रीना मरांडी व चालक धनराज मढैया ने भी शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. इस दौरान शहीदाें के परिजनों की आंखों में आंसू छलक आए. जिला प्रशासन की ओर से शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.

एसपी अमरजीत बलिहार की शहादत को भूला नहीं जा सकता : डीसी

उपायुक्त मृत्युंजय कुमार वर्णवाल ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि एसपी अमरजीत बलिहार की शहादत को भूला नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि जब बलिदान की बात आती है तो उसमें किसी प्रकार का रैंक नहीं होता है. चाहे वह पुलिस के अधिकारी हों या कर्मी. सबों को एक समान रूप से याद किया जाता है. ऐसे वीर पुरुषों से प्रेरणा लेकर ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. मौके पर उन्होंने शहीद हुए परिजनों से बातचीत की. कहा कि शहीद जवानों के परिवार के प्रति जिला प्रशासन की संवेदना हमेशा बनी रहेगी. पार्क का बहुत जल्द सौंदर्यीकरण किया जाएगा.

वहीं एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि पुलिस की नौकरी है. यह देश के सुरक्षा की नौकरी है. देश की सुरक्षा के लिए यदि हमें बलिदान होना पड़े तो हंसते-हंसते बलिदान हो जाना चाहिए. सुरक्षा के दौरान बलिदान होना देश व राज्य का सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है. कहा कि ऐसे वीर पुरुषों के बलिदान से हमारे देश के जवानों को प्रेरणा लेकर हमें अपने देश अपने समाज के लिए बेहतर कार्य करना चाहिए. इस दौरान यदि कुछ अड़चन भी आती है तो विचलित नहीं होना चाहिए. अपने कर्तव्यों को अपनी निष्ठा के साथ पूर्ण करने का संकल्प लेना चाहिए. अपने कर्तव्य में कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. चाहे हमें बलिदान ही क्यों नहीं देना पड़े. बता दें कि 2 जुलाई 2013 को पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार डीआईजी की बैठक में भाग लेने दुमका गए थे. लौटते वक्त काठीकुंड थाना के जमनी नाला के निकट घात लगाए नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया. हमले में एसपी अमरजीत बलिहार, आरक्षी चंदन थापा, चालक अशोक कुमार श्रीवास्तव के अलावा जवान राजीव शर्मा, संतोष मंडल व मनोज हेंब्रम शहीद हो गए थे. वहीं निजी चालक धनराज मढैया और एक जवान घायल हो गए थे.

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