मनरेगाकर्मियों ने सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
सेवा स्थायीकरण व वेतनमान निर्धारण की मांग को लेकर सोमवार को झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के सदस्यों ने समाहरणालय के समीप धरना दिया.
पाकुड़. सेवा शर्त नियमावली में सुधार कर सेवा स्थायीकरण व वेतनमान निर्धारण की मांग को लेकर सोमवार को झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के सदस्यों ने समाहरणालय के समीप धरना दिया. धरना का नेतृत्व जिलाध्यक्ष अजीत कुमार टुडू ने किया. जिलाध्यक्ष श्री टुडू ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की सरकार ने 2019 के चुनावी घोषणा-पत्र में राज्य भर में कार्यरत मनरेगा कर्मियों को स्थायीकारण करने का आश्वासन दिया था. चार साल बीत गये, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. इससे कि राज्यभर में कार्यरत मनरेगा कर्मचारियों में आक्रोश है. उनके किए गए वादे विफल साबित हो रहे हैं. झारखंड सरकार से वादा निभाओ नारा के साथ अपनी सेवा नियमितीकरण तथा वेतनमान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. कहा कि सरकार सेवा भावना से जनता द्वारा 5 साल के लिए निर्वाचित होती है. वह प्रतिमाह वेतनमान के रूप में एक मोटी रकम के हकदार होते हैं. पांच साल के बाद उनके लिए पेंशन की व्यवस्था होती है. इसका कोई विरोध नहीं होता और न ही फंड की कोई दिक्कत होती है. वहीं हमलोग एक कर्मी के रूप में सेवा देते हैं और हमें वेतनमान पाने व अपनी सेवा स्थायी करने के लिए सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए हड़ताल का सहारा लेना पड़ता है. मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी. मौके पर मंजुला कुमारी, स्नेहलता टुडू, मोनिका कुमारी, मानिक दास, ट्विंकल चौधरी, जय प्रकाश कुमार, सफीक अहमद, सैदुर रहमान, रेजाउल करीम, राजीबुल इस्लाम आदि मौजूद थे.
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