पाकुड़. मुहर्रम को लेकर जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में चहल-पहल देखी जा रही है. बुधवार को आशूरा यानी दसवीं के दिन तजिया मिलन का कार्यक्रम होगा. इस दौरान विभिन्न अखाड़ों के खिलाड़ी अपने करतब का प्रदर्शन करेंगे. मुहर्रम गम और मातम का महीना है, जिसे इस्लाम धर्म के विशेष पंथ को मानने वाले लोग मनाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है. यह पर्व बकरीद के एक माह बाद मनाया जाता है. इस संबंध में हरिणडंगा मुस्लिम कमेटी के सदस्य हाजी तनवीर आलम ने बताया कि मुहर्रम पर्व को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना बहुत अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के दसवें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा भी कहा जाता है. उनकी शहादत को कुर्बानी के तौर पर इस दिन को याद किया जाता है.
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता इंतजाम :
मुहर्रम को लेकर जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. मामले को लेकर एसडीपीओ दयानंद आजाद ने बताया कि पर्व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसको लेकर जिला पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अधिक भीड़ वाली जगह पर ड्रोन कैमरा से निगरानी रखी जाएगी. सादे लिबास में भी पुलिस मौजूद रहेगी. शराब पीने व हुड़दंग करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. शराब पीने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ब्रेथ एनालाइजर के माध्यम से जांच करेगी. पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी. बताया कि इन सब चीजों को लेकर नगर थाना में आयोजित शांति समिति की बैठक में मुहर्रम कमेटी के लोगों को अवगत करा दिया गया है. यदि किसी प्रकार की अनहोनी की सूचना मिलती है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. पुलिस हमेशा आपके साथ रहेगी. जिलेवासियों से अपील की जाती है कि किसी प्रकार के अफवाह पर ध्यान ना दें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है