पाकुड़िया. शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र गुरुवार से पाकुड़िया प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में कलश स्थापना के साथ ही शुरू हो गया. नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा हुई. पंडित अरुण कुमार झा ने बताया कि पर्वतराज हिमालय के घर इनका जन्म हुआ था, इसलिए इन्हें शैलपुत्री के रूप में जाना जाता है. मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. कन्याओं को उत्तम वर प्राप्त होता है. देवी मां शैलपुत्री चंद्रमा के समान उज्ज्वल हैं. इनके मस्तक पर सोने का मुकुट और अर्धचंद्र है. इनका वाहन वृष है. इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है.
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