पाकुड़. शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने और भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से शहर में नो एंट्री लागू की गयी है. लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि शहर में नो एंट्री का पालन नहीं हो रहा है. जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए नो एंट्री के नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है. शहर में इस दौरान भारी वाहनों का प्रवेश होता दिख रहा है. एक तो ऐसे ही शहर में जाम की समस्या से लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश से लोग परेशान हो रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूल जा रहे बच्चों और अभिभावकों को हो रही है. इसपर ना तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही पुलिस विभाग. शहर में इस प्रकार के वाहनों का प्रवेश होने से यातायात व्यवस्था और बेकाबू होती जा रही है. ऐसे ही हालात मुख्य सड़कों पर देखने को मिलते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. वहीं शहर के लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन का आदेश कागजी घोषणा रह गया है. यह दिखावे की नो एंट्री है. शहर में लगातार भारी वाहन प्रवेश कर रहे हैं. भारी वाहनों के प्रवेश के कारण शहर में दुर्घटना के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद शहर में भारी वाहन का प्रवेश जारी है. इसमें हादसा होने की संभावना बनी रहती है. जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद शहर के नो एंट्री एरिया में 16 चक्का ट्रक, हाईवा, ट्रैक्टर ट्राॅली जैसे मालवाहक प्रवेश करते हैं. आलम यह है कि वाहनों की एंट्री से लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जा रहा है. आये दिन जाम की स्थिति बन जाती है. यह सब कुछ देखकर भी यातायात के जिम्मेदार मौन बने हुए हैं. पुलिस की कार्यशैली देखकर लगता है कि लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने में पुलिस की रुचि नहीं है.
तेज रफ्तार से रहता है दुर्घटनाओं का डर :
नो इंट्री के बावजूद शहर के अंदर से ट्रक और भारी वाहनों का आगमन हो रहा है. इन वाहन चालकों को इसकी जानकारी होने के बाद भी नो एंट्री में घुस जाते हैं. और कार्रवाई से बचने के लिए जल्दी शहर से निकलने की कोशिश करते हैं. इसलिए तेज रफ्तार में गाड़ी का परिचालन करते हैं. इन तेज रफ्तार में दुर्घटनाओं का डर लोगों को सता रहा है.
कहते हैं यातायात पदाधिकारी :
यातायात पदाधिकारी सह मुख्यालय डीएसपी जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि नो एंट्री में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है. नो एंट्री के समय में भारी वाहनों का प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा. मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाएगी.
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