हिरणपुर. देश के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाकर अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हिरणपुर स्थित प्रतिमा की घेराबंदी (गोलंबर) वर्षों से टूटी पड़ी है. इसके बावजूद इसकी मरम्मत की दिशा में अब तक ना ही स्थानीय प्रशासन ने और ना ही राजनीतिक दल से जुड़े लोगों ने इसे बनाने की दिशा में दिलचस्पी दिखायी है. जबकि इसी रास्ते से होकर पदाधिकारियों के साथ-साथ नेताओं का आना-जाना लगा रहता है. परंतु किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी. सुभाष चौक के नाम से हिरणपुर का दिल कहा जाता है. नेताजी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राजनेता चुनावी बिगुल फूंकने के साथ-साथ जीतने के बाद माल्यार्पण कर जश्न मनाते हैं. परंतु टूटी घेराबंदी पर अब तक किसी राजनेता की भी नजर नहीं पड़ी है. हिरणपुर के स्थानीय लोगों ने कहा कि जिले में डीएमएफटी फंड से लाखों-करोड़ों की राशि से विकासकारी एवं सौंदर्यीकरण कार्य किया गया है. इसमें हिरणपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस की टूटी घेराबंदी का कार्य अछूता है. मालूम हो कि तत्कालीन डीसी सुनील कुमार सिंह ने नेताजी प्रतिमा की घेराबंदी कराने के साथ इसमें लाइटिंग वाले फव्वारे भी लगवाए थे, जिससे यह काफी सुंदर प्रतीत होता था. परंतु कुछ समय तक सब कुछ ठीक रहने के बाद वर्तमान में फव्वारे भी बंद हैं और घेराबंदी भी टूटी हुई है.
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