भीषण गर्मी के बीच पेयजल के लिए परेशान हो रहे धनिगोड़ा के ग्रामीण
पेयजल के लिए धनिगोड़ा के ग्रामीण मजबूरन दो किलोमीटर दूर पहाड़ों के नीचे से झरने का पानी लाने को विवश हैं. गांव वालों ने डीप बोरिंग कराने व खराब जलमीनार को ठीक कराने की मांग प्रशासन से की है.
लिट्टीपाड़ा. गर्मी की तपिश बढ़ते ही प्रखंड क्षेत्र में लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है. तेज धूप और गर्म हवाओं के थपेड़ों ने एक ओर जहां लोगों को घर के अंदर दुबकने को मजबूर कर दिया है वहीं दूसरी ओर लोगों को पीने के पानी के लिए भी काफी परेशान होना पड़ रहा है. जलस्तर नीचे जाने के कारण कूप एवं चापानल इन दिनों दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड के बड़ाघाघरी पंचायत के धनिगोड़ा गांव के लोगों को इन दिनों चापानल सूख जाने के कारण पेयजल के लिए गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर से झरने का पानी लाने को विवश होना पड़ रहा है. ग्रामीण सोमी पहाड़िन, बामनी पहाड़िन, काली पहाड़िन, मागू पहाड़िया सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि गर्मी के दस्तक देते ही पहाड़ों में बसा होने के कारण धनिगोड़ा गांव के अधिकतर चापानल मार्च के अंत तक सूख चुके हैं. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बताया कि गांव के दो टोला मिलाकर लगभग 200 परिवार रहते हैं. इन 200 परिवारों के लिए गांव में तीन चापानल सहित एक जलमीनार बनाया गया है. जलमीनार बनने के कुछ महीनों कर बाद ही खराब हो गया. साथ ही गांव के दो चापानल भी खराब पड़े हुए हैं. एक चापानल ठीक है, पर ज्यादा देर तक उसमें पानी नहीं रह पाता है. चापानल सूख जाने के कारण लोगों को एक बाल्टी पानी के लिए चापानल पर घंटों लाइन में लगना पड़ता है. लोगों को पेयजल के लिए मजबूरन गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर पहाड़ों के नीचे से झरने का पानी लाने को विवश होना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने गांव में डीप बोरिंग व खराब जलमीनार को ठीक करने की मांग प्रशासन से की है.
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