बंदर के हमले में पाकुड़िया में अब तक 31 लोग हुए घायल
पाकुड़िया प्रखंड के लोग इन दिनों बंदर का आतंक से परेशान हैं. रोज किसी-न-किसी गांव में बंदर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
प्रतिनिधि, पाकुड़िया पाकुड़िया प्रखंड के लोग इन दिनों बंदर का आतंक से परेशान हैं. रोज किसी-न-किसी गांव में बंदर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. पूरे अगस्त माह में बंदरों ने अबतक 31 लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाकुड़िया में किया गया है. शुक्रवार को प्रखंड कार्यालय परिसर में निजी कार्य से आये हरिपुर निवासी रूबीलाल मड़ैया पर हमला कर बंदर ने जख्मी कर दिया. इसके एक दिन पूर्व गुरुवार को दोपहर में पाकुड़िया बाजार में राहगीर अब्दुल अहद राशन खरीदने अपने निजी कार्य से पाकुड़िया बाजार आया हुआ था. तभी एक बंदर पेड़ से कूदकर उसके सामने आया और मनुष्य की भांति हमला करते हुए उसको पकड़ कर अपने कब्जे में ले लिया. साथ ही दाहिना हाथ से मुंह को जोर से दबा कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. किसी तरह पीछा छुड़ाते हुए उन्होंने अपनी जान बचायी. वहीं पाकुड़िया बाजार में ही गुरुवार को अतिकुर मियां को भी बंदर ने हाथ एवं जांघों पर काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. वहीं दुखु बरमसिया गांव में जंगली बंदर ने सिराजुद्दीन मियां नामक व्यक्ति को दाहिना हाथ में काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. जख्मी होने पर इन सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाकुड़िया पहुंचाया गया, जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भारत भूषण भगत एवं डॉ सफीउल ओला ने प्राथमिक उपचार किया. साथ ही एंटी रैबीज की वैक्सीन भी लगायी. प्राथमिक उपचार के बाद सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. सभी जख्मी अभी खतरे से बाहर हैं. बंदर के आतंक से लोगों ने जिला वन विभाग से निजात दिलाने की मांग की है. इधर, बंदर की आतंक की खबर सुनकर जिला वन विभाग की टीम बंदर को पकड़ने के लिए जरूरी सामान लेकर शुक्रवार को पाकुड़िया पहुंची लेकिन समाचार प्रेषण तक बंदर को अपने कब्जे में नहीं ले पायी थी.
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