सीएचसी में डॉक्टरों की नहीं है कमी, मरीज संसाधन के अभाव में हो रहा है रेफर
महेशपुर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों डॉक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन आवश्यक संसाधन के अभाव में अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.
महेशपुर. प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों डॉक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन मरीज इलाज के लिए बगल के राज्य पश्चिम बंगाल जाने को मजबूर हैं. वहीं आवश्यक संसाधन के अभाव में अधिकांश मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया जाता है. जबकि घटना- दुर्घटना में घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अविलंब सदर अस्पताल पाकुड़ व पश्चिम बंगाल के मुरारई और रामपुरहाट के लिए रेफर कर दिया जाता है. इसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं रहने के चलते मरीजों को इलाज के लिए पश्चिम बंगाल एवं अन्य जगहों पर जाने के लिए विवश होना पड़ता है. जानकारी के अनुसार सीएचसी महेशपुर में कुल छह चिकित्सक हैं. इनमें से डॉ सुनील कुमार किस्कू, पंकज कुमार बिराजी, अपूर्व कुमार, एनआरएचएम से प्रकाश चंद्र बेसरा, डीएमएफटी से सुशील कुमार, प्रद्युमन कुमार पदस्थापित हैं. साथ ही पीवीजीटी चिकित्सक डॉ रुद्राणी और आरबीएसके डॉ अंजनी भगत, एएनएम 35, सीएचओ 13, लैब टेक्निशन कुल 6 हैं, जो सभी मरीजों को स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं. महेशपुर की जनसंख्या करीब ढाई लाख है, जहां महेशपुर अस्पताल में कुल 30 बेड हैं.
रोजाना 60 से 70 मरीजों का इलाज :
सीएचसी में प्रत्येक दिन 60-70 मरीजों का इलाज किया जाता है. सीएचसी में मरीजों को इलाज के पश्चात आवश्यक दवा नि:शुल्क वितरण किया जाता है. लेकिन अन्य दवा मरीजों को बाहर से भी लेनी पड़ती है. पेयजल की व्यवस्था व शौचालय में गंदगी रहने के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
बोले अधिकारी
:संसाधनों की कमी के बावजूद बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही संसाधनों को भी दुरुस्त करने को लेकर उच्च अधिकारियों को भी जानकारी दी गयी है.
– डॉ सुनील कुमार किस्कू, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीB
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