सूरज के कड़े तेवर से लोग परेशान, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
धूप निकलने के साथ ही भीषण गर्मी का अहसास शुरू हो गया है. गर्मी से लोग त्राहि-त्राहि करने लगे हैं. दोपहर को ऐसा लगा- जैसे कर्फ्यू लगा हो. सड़कें खाली हो गयी. लोग गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके रहे.
पाकुड़. कई दिनों से सूरज के कड़े तेवर से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. धूप निकलने के साथ ही भीषण गर्मी का अहसास होना शुरू हो गया है. गर्मी से लोग त्राहि-त्राहि करने लगे हैं. दोपहर को ऐसा लगा- जैसे कर्फ्यू लगा हो. सड़कें लोगों से खाली हो गयी. लोग गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके रहे. बता दें कि रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 44 डिग्री रहा. दिन भर गर्म हवाएं चलीं. लोगों का बाहर निकलना मुश्किल बना रहा. बाजार में कामकाजी लोग ही नजर आए. लोगों की मानें तो इस भीषण गर्मी में कूलर भी काम नहीं कर रहा है. वहीं लू चलने से उड़ने वाली धूल से भी लोगों को परेशानियों का सामना पड़ रहा है. इसके अलावा शहर से लेकर गांव तक के कई स्थानों पर बिजली की आखंमिचौली से लोग परेशान रहे. शहरवासियों की मानें तो एक ओर गर्मी की मार, दूसरी ओर बिजली गुल होने पर आराम कर पाना भी मुश्किल बना हुआ है. इधर, बिजली विभाग के अधिकारी की मानें तो रेलवे फाटक के पार 33 हजार वोल्ट तार के गिर जाने से परेशानियां हुई थी. विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गयी है. आगे किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी.
शीतल पेय की दुकानों पर उमड़ती है भीड़ :
गर्मी की वजह से शहर में विभिन्न जगहों पर लस्सी, जूस, गन्ने का रस आदि शीतल पेय की दुकानें सज जाती है. दोपहर के समय घरों के बाहर निकलने वाले कामकाजी लोगों की शीतल पेय की दुकानों में भीड़ रहती है. अधिकतर लोग तो शाम का शीतल पेय का सेवन करने के लिए बाजारों में देखे जाते हैं.कहते हैं डाॅक्टर :
डाॅ मनीष कुमार के मुताबिक गर्मी में दोपहर के समय खासकर 12 से चार बजे तक तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है. तेज गर्मी में धूप के सीधे संपर्क में आने से बच्चों में लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे मौसम में अगर सावधानी से काम लिया जाए, तो बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लू लगने के लक्षणों में उल्टी-दस्त, शरीर गर्म होना, आंखों का रंग पीला पड़ना व पेशाब पीला आना प्रमुख हैं. इस दौरान भूख कम लगती है और शरीर में कमजोरी आ जाती है. ऐसे समय में गर्मी से बचने के लिए दोपहर के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. जरूरी हो तो शरीर को ढक कर ही बाहर निकलें. कहा कि कहीं भी जाते समय पानी की बोतल अवश्य साथ में रखें. इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने पर ओआरएस के घोल, लस्सी, नारियल पानी, खीरा व तरबूज का सेवन लोगों को करना चाहिए. बाहरी खाने से लोगों को परहेज करना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है