बुद्ध पूर्णिमा पर निकली शोभायात्रा, बुद्धम शरणं गच्छामि से गुंजायमान रहा शहर
बुद्ध पूर्णिमा पर भारतीय बौद्ध महासभा व भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के तत्वावधान में शोभायात्रा निकाली गयी. अंबेदकर चौक पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.
पाकुड़. भारतीय बौद्ध महासभा व भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के तत्वावधान में गुरुवार को बौद्ध धर्म शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा शहरकोल से निकलकर अंबेदकर चौक पर समाप्त हुई. अंबेदकर चौक पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि के उद्घोष से शहर गुंजायमान रहा. शोभायात्रा में भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित झांकी एवं चित्र प्रदर्शित किया गया. हाथों में पंचशील झंडा लेकर पैदल चल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय बौद्ध महासभा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष भंते एमके राजन व किसन पासवान ने की. मौके पर प्रदेश अध्यक्ष श्री भंते ने कहा कि बौद्ध धर्म शांति, मानवता व समानता से प्रेरित धर्म है. यह धर्म समरसता पर आधारित है. वहीं श्री पासवान ने कहा कि ईश्वर ने सभी इंसानों को समान बनाया है. लेकिन इंसानों ने अपने स्वार्थ के लिए ऊंच-नीच की दीवारें खड़ी कर समाज के बीच दूरियां बढ़ा दी है. बौद्ध धर्म का संदेश है कि इन दूरियों को इंसानों के बीच से हटाकर समानता और प्रेम के परिवेश को कायम करना. मौके पर प्रेम बच्चन, दिलीप हाजरा, दिनेश पासवान, अजय पासवान, रामानंद पासवान, रामू पासवान समेत अन्य मौजूद थे.
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