पाकुड़. भारत जकात मांझी परगना महल की ओर से बीते दिनों केकेएम कॉलेज स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास में कथित तौर पर पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को आक्रोश रैली निकाली गयी. रैली अंबेडकर चौक से प्रारंभ होकर उपयुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार तक गयी. रैली में पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड समेत अन्य राज्यों के सदस्य शामिल हुए. मौके पर बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम के अलावा कॉलेज स्थित छात्रावास के छात्र उपस्थित थे. झारखंड प्रभारी ने कहा कि संथाल परगना संथालों के लिए है. लेकिन इस राज्य में संथालों का शोषण किया जा रहा है. संथाल आदिवासी की जमीन को छीना जा रहा है. लोग लालच देकर यहां के संथाल लड़कियों से शादी रचाकर उसकी जमीन को हड़प रहे हैं. बांग्लादेशी घुसपैठिये भी घुसपैठ कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है. बताया कि कुछ दिन पूर्व ही केकेएम कॉलेज के छात्रावास में सो रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठियां बरसायी, जो कि उचित नहीं था. घटना के बाद उल्टे जिला प्रशासन ने छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी है. कहा कि छात्र देश के भविष्य होते हैं. पुलिस के इस प्रकार के रवैये से छात्र के परिजन डरे सहमे हुए हैं. मामले में मुख्यमंत्री समेत किसी ने संज्ञान नहीं लिया. ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के इशारे पर ही इस प्रकार की घटना घटित हुई है. वहीं लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए आदिवासी छात्र की पिटाई होना काफी दुखदायी है. केकेएम कॉलेज स्थित आदिवासी बालक कल्याण छात्रावास में घुसकर पुलिस द्वारा पिटाई कर दी गयी. यहां के सांसद, विधायक समेत इस राज्य के मुख्यमंत्री चुप रहे. दिखावट के लिए जिला पुलिस प्रशासन ने कुछ लोगों को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं इस मामले में कुछ छात्राओं पर भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है. बताया कि जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलता है, आंदोलन जारी रहेगा.
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