दहेज हत्या के आरोप में पति, देवर व सास दोषी, सश्रम आजीवन कारावास
दहेज हत्या के आरोप में पति, देवर व सास दोषी, सश्रम आजीवन कारावास
कोर्ट प्रतिनिधि, पाकुड़िया पाकुड़िया थाना क्षेत्र के बाजार में हुई एक हृदयविदारक घटना में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया. दहेज उत्पीड़न और हत्या के मामले में तीन लोगों को दोषी करार दिया गया. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, क्रांति कुमार की अदालत ने सुनाया, जिसमें मुख्य आरोपी पति श्रवण भगत , देवर मनोज भगत , और सास सुमित्रा देवी को भादवि की धारा 304 बी (दहेज हत्या) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत दोषी ठहराया गया. न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. इसके साथ ही, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत दो साल सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया. कैसे उजागर हुआ मामला यह मामला 2021 में मृतका के भाई धर्मनाथ भगत द्वारा दर्ज शिकायत से सामने आया. धर्मनाथ ने बयान दिया कि उनकी बहन की शादी श्रवण भगत से हुई थी. शादी के शुरुआती दिनों में सबकुछ सामान्य था, लेकिन जल्द ही दहेज की मांग को लेकर ससुराल पक्ष ने उनकी बहन पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार शुरू कर दिया. धर्मनाथ ने बताया कि 18 फरवरी 2021 को उन्होंने सास के खाते में 10 हजार रुपये भेजे, लेकिन दहेज की मांग रुकने का नाम नहीं ले रही थी. इसके बाद, 16 मार्च 2021 की सुबह , मृतका ने अपने भाई को फोन कर बताया कि उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उसी दिन सुबह करीब 11:20 बजे , देवर मनोज भगत ने फोन कर उसकी बहन की मौत की खबर दी. धर्मनाथ ने जब पाकुड़िया में अपनी बहन के घर पहुंचा, तो उसने देखा कि घर खुला था और ग्रामीणों ने बताया कि मृतका को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है. वहां पहुंचने पर धर्मनाथ ने अपनी बहन का मृत शरीर बरामदे में पड़ा हुआ पाया. इस मामले में डॉक्टर समेत कुल 10 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज किये गये. न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए दोषियों को सजा सुनायी. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से देवानंद मिश्रा ने अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ने तर्क पेश किये.
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