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झारखंड अलग हुए दो दशक हो गए पर मासधारी गांव तक जाने के लिए नहीं बनी सड़क

लिट्टीपाड़ा प्रखंड के करमाटांड़ पंचायत के मासधारी गांव के लोग विकास से कोसों दूर हैं. झारखंड अलग हुए दो दशक से बीतने के बाद भी ग्रामीण कई मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं.

लिट्टीपाड़ा. प्रखंड के करमाटांड़ पंचायत के मासधारी गांव के ग्रामीण आज भी विकास से कोसों दूर हैं. झारखंड अलग हुए दो दशक से अधिक समय बीतने के बाद भी ग्रामीण कई मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं. गांवों की सूरत बदलने का सरकार का दावा गांव तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ता नजर आ रहा है. मुख्य सड़क से लगभग पांच किलोमीटर दूर पहाड़ों में बसे मासधारी गांव को जोड़ने वाली सड़क आज तक नहीं बन पायी है. ग्रामीण आज भी पहाड़ी पगडंडी ऊबड़-खाबड़ पथरीली रास्तों से आवागमन करने को विवश हैं. ग्राम प्रधान बैदा पहाड़िया सहित ग्रामीण बामरा पहाड़िया, अंदारी पहाड़िन, जावरा पहाड़िया, चांदू पहाड़िया सहित अन्य ने बताया कि गांव में सड़क, पेयजल, बिजली, रोजगार की समस्या से हमलोग जूझ रहे हैं. मुख्य सड़क से गांव तक लगभग पांच किलोमीटर सड़क नहीं बनी है. इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया, पर स्थिति में आज तक सुधार नहीं हो पाया. ग्रामीण ऊबड़-खाबड़ पथरीली पगडंडी से सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अगर कोई बीमार पड़ता है तो सभी ग्रामीणों द्वारा बीमार व्यक्ति को खटिया पर टांग कर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है, जिससे काफी परेशानी होती है. साथ ही ग्रामीणों को पेयजल व रोजगार की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से गांव में बिजली, पानी, सड़क व रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है.

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