पाकुड़. जिले भर में दो फरवरी को मनाए जाने वाली सरस्वती पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. मूर्तिकारों ने देवी सरस्वती की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसकी ऊंचाई दो फीट से लेकर छह फीट तक है. मूर्तियों की कीमत एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक निर्धारित की गयी है. स्थानीय मूर्तिकार श्रद्धालुओं की अग्रिम बुकिंग को लेकर व्यस्त हैं, ताकि वे तय तिथि तक मूर्तियों को अंतिम रूप दे सकें. हालांकि, कड़ाके की ठंड और सूरज न निकलने के कारण उन्हें कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. बाजार में रेडीमेड मूर्तियों की मौजूदगी ने स्थानीय मूर्तिकारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है, जिससे उन्हें उचित मुनाफा नहीं सकेगा. मूर्तिकार जतन पाल और रतन पाल ने बताया कि पहले की तुलना में वर्तमान में मूर्तिकारों की स्थिति दयनीय हो गयी है उन्हें अब तक लगभग 60 ऑर्डर मिल चुके हैं, जबकि हर साल करीब 400 मूर्तियां बनाई जाती हैं. वे कहते हैं हम अभी भी पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन लागत और मेहनत के अनुसार मुनाफा नहीं मिलता. कभी-कभी मूर्ति बन जाने के बाद वह बिक नहीं पाती और अगले साल उसे बेचने का इंतजार करना पड़ता है, जिससे नुकसान उठाना पड़ता है. जिले के सभी कोचिंग सेंटर, सरकारी और निजी स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा होती है. इस दिन सभी जगह श्रद्धा का माहौल रहता है, इस बार सरस्वती पूजा की तैयारियां एक माह पहले ही शुरू हो चुकी हैं. और मूर्तिकार पूरे उत्साह के साथ देवी सरस्वती की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है