चिकित्सकों ने जयंती पर होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअल को किया याद
होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन की जयंती मनायी गयी.
पाकुड़, शहर के बड़ी अलीगंज में बुधवार को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया गया. इस अवसर पर होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन की जयंती मनायी गयी. मौके पर होम्योपैथी के डॉ देवकांत ठाकुर व प्रैक्टिशनर मौजूद रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ केकेएम कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ कृपा सिंधु अवस्थी ने किया. उपस्थित सदस्यों ने बारी-बारी से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ सैमुअल हैनीमैन के चित्र पर पुष्प अर्पित किया. प्रोफेसर डॉ कृपा सिंधु अवस्थी ने कहा कि डॉ. हैनीमैन के इस चिकित्सा पद्धति का लाभ देश के कोने-कोने में लोग ले रहे हैं. उनकी जयंती पर हम लोगों को भी होम्योपैथिक का लाभ लोगों को अधिक से अधिक मिले इसका संकल्प लेना चाहिए. वहीं डॉ देवकांत ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में होम्योपैथी के योगदान के बारे में लोगों के बीच जागरुकता पैदा करना है. कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से विश्व भर में करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं. यह पूर्णतया सत्यता प्रमाण-पत्र पर आधारित है. होम्योपैथिक चिकित्सा से इलाज कराने पर रोग से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल जाता है. इस चिकित्सा पद्धति से अनेकों नयी बीमारियों का इलाज संभव है. कोरोना वायरस, चेचक, खसरा, बुखार, हृदय, गठिया बाथ, साइटिका, ट्यूमर, पैरालिसिस, खून की कमी, नॉर्मल डिलीवरी, चर्म रोग जैसे अन्य बीमारियों का इलाज होम्योपैथिक पद्धति से आसानी पूर्वक किया जा सकता है. मौके पर डॉ दयानंद पांडेय, मनोज कुमार ठाकुर, गोपाल राय, ऋषि अवस्थी, रूपचंद मेहरा, मांझी हांसदा, अंकित कुमार आदि मौजूद थे.