सात साल पूर्व ही बना बालिका आवासीय विद्यालय का भवन नहीं हुआ चालू, भवन खंडहर में हो रहा तब्दील
बालिकाओं को बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सात साल पहले बनकर तैयार आवासीय विद्यालय बिना चालू किये ही अब खंडहर में तब्दील हो रहा है.
महेशपुर. बालिकाओं को बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सात साल पहले बनकर तैयार आवासीय विद्यालय बिना चालू किये ही अब खंडहर में तब्दील हो रहा है. यह कितनी बड़ी विडंबना है कि बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय सात साल पहले निर्माण होकर सभी की आंखों के सामने खड़ा है. पर अबतक उक्त विद्यालय का संचालन शुरू नहीं हो सका. बालिकाओं को पठन-पाठन में सुविधा के लिए करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण कराया गया. लेकिन इसका लाभ अब छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है. वर्षों से बंद पड़ा भवन अब धूल फांक रहा है. साथ ही भवन के सभी कमरे में पंखा, बल्ब व शौचालय के सामान दिन के उजाले में ही गायब होते जा रहे हैं. यह भवन का उदघाटन के पूर्व ही जर्जर होने लगा है. जहां भवन में बगीचे होने चाहिए, वहां झाड़-जंगलों और कूड़ा-कचरा एवं शराब की बोतलों का अंबार लगा हुआ है. साथ ही शाम होते ही शराबियों का अड्डा बना हुआ रहता है. स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि कूड़ा-कचरा के साथ-साथ जानवरों के सड़े-गले शव भी छात्रावास के परिसर में फेंके जाते हैं, जिससे भवन के आसपास से गुजरने से बदबू आती है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने छात्रावास का लाभ बालिकाओं को दिलाने और जल्द से जल्द चालू कराने की मांग उठायी है. ग्रामीणों ने खंडहर में तब्दील बालिका विद्यालय सह छात्रावास को स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन की देखरेख में हर एक बिंदु की जांच करते हुए चालू करने की मांग की है.
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