बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासियों की संख्या में हो रही है गिरावट : चंपाई
बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासियों की संख्या में गिरावट हो रही है. पूरे राज्य की यही स्थिति है. यह बातें पूर्व सीएम ने कही.
पाकुड़. बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासियों की संख्या में गिरावट हो रही है. पूरे राज्य की यही स्थिति है. पाकुड़ सदर प्रखंड में भी दर्जनों गांव नसीपुर, सीतापहाड़ी समेत अन्य गावों में बांग्लादेशी घुसपैठ होने के मामले सामने आए हैं. आदिवासियों की हड़पी हुई जमीन को यूं ही नहीं छोड़ दिया जाएगा. जमीन को हम लोग वापस लेंगे इसकी तैयारी चल रही है. उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बाजार समिति मैदान में आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन में कही. उन्होंने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां पर खनिज संपदा के साथ-साथ आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है. झारखंड में सुरक्षा व्यवस्था नाम का कोई चीज नहीं रह गयी है. कहा कि पूरे राज्य में सम्मेलन कर आदिवासियों को जगाने का काम किया जा रहा है. इसके बाद एक बड़ी वैसी बुलाई जायेगी और निर्णय लिया जायेगा. वहीं, बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी वर्तमान राज्य सरकार पर निशाना साधा. कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण यहां की आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है. यहां के आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है, जबकि झारखंड राज्य का निर्माण जल, जंगल, जमीन पर हुआ है, लेकिन झारखंड सरकार खामोश बैठी हुई है. सरकार इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है. यहां की महिलाएं असुरक्षित हैं. आदिवासी समाज संगठित हो रहा है और आने वाले समय में सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने का काम करेगी. मौके पर मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास गोड, अजीत टुडू, संजलि मुर्मू, प्रसाद टुडू, पानसुरी मरांडी, शिवचरण मालतो, सूरज टुडू समेत दर्जनों गांव के ग्राम प्रधान मौजूद थे
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