पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जिले की नदियां उफान पर, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. जिले से होकर गुजरने वाली बांसलोई, पगला, गुमानी, ब्राह्मणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है.
पाकुड़. जिले में मंगलवार शाम से हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. जिले से होकर गुजरने वाली बांसलोई, पगला, गुमानी, ब्राह्मणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. बुधवार को जिले भर में 213.2 एमएम बारिश हुई है. वहीं गुरुवार को भी इससे अधिक बारिश हुई है जिससे नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इससे सभी तालाबों, झरनों सहित खेतों में भी पानी लबालब भर गया है. इस बारिश से जहां धान के किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. यदि बारिश आगे भी होती रही तो बरबट्टी, कुरथी की फसल लगाने वाले किसानों की पेशानियों पर बल आ सकते हैं. लगातार बारिश होने से बरबट्टी और कुरथी की लतें गल सकती है, जिससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है.
अगस्त व सितंबर में हुई मूसलाधार बारिश :
पाकुड़ जिले में धान के किसान शुरुआती दिनों में बारिश की राह तकते रह गये लेकिन समय पर बारिश नहीं हुई. करीब 20 दिन बाद शुरू हुई बारिश के बाद किसानों की चहलकदमी खेतों में बढ़ी थी. हालांकि समय पर बारिश नहीं होने से जिले भर में करीब 80 फीसदी ही धान की रोपनी हो पायी है. लेकिन धनरोपनी के समय के बाद अगस्त महीने में मूसलाधार बारिश हुई. जिले भर में 1811.1 एमएम करीब 323 फीसदी बारिश हुई, जिसके कारण ऊपरी इलाकों में भी किसानों ने धान की फसल को लगा दिया. वहीं इस बारिश से मकई की फसल को भी फायदा हुआ. वहीं सितंबर महीने में लगातार हो रही बारिश ने पिछले साल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सितंबर महीने में अब तक जिले भर में 1050 एमएम करीब 175 फीसदी बारिश हुई है. वहीं पिछले साल अगस्त महीने में 213.90 एमएम और सितंबर महीने में 241.44 एमएम बारिश हुई थी.
जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त :
लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस दौरान बाजार में छिटपुट लोग ही दिखायी दिये. दुकानदारों में बारिश को लेकर काफी मायूसी देखी गयी. दुकानों में ग्राहकों की मौजूदगी काफी कम रही, जिससे उन्हें निराशा हुई. वहीं इस दौरान लाखों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है. बारिश के कारण सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा ही पसरा रहा.दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण कार्य रुका :
लगातार हो रही बारिश के कारण दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ है. बारिश लगातार होने के कारण जहां बांस पर चढ़ना कारीगरों के लिए मुश्किल भरा हो गया, वहीं अन्य काम भी प्रभावित रहा जिससे कारीगर भी मायूस ही दिखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है