पाकुड़. ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में हुनर की कमी नहीं है. यदि इन्हें अच्छा प्लेटफार्म मिले तो यह आत्मनिर्भर होकर अपनी जीविका चला सकते हैं, लेकिन उनकी आर्थिक परिस्थितियां ही इन्हें आगे बढ़ाने में रोड़ा डालती है. गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक रोजगार प्रशिक्षण संस्थान केंद्र में प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान युवाओं ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में हुनर की कोई कमी नहीं है, लेकिन आर्थिक परिस्थितियां आगे बढ़ने में रोड़ा डालती है. यदि किसी तरह का व्यवसाय किया जाए तो उसके लिए पूंजी की जरूरत होती है, लेकिन पूंजी नहीं होने के कारण पढ़ लिख कर भी युवा बेरोजगार की श्रेणी में आ जाते हैं. आरसेटी की ओर से अभी मोबाइल प्रशिक्षण का काम सिखाया जा रहा है. कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से युवाओं को हुनरमंद बनाने में सहायता मिलेगी. साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खुलेंगे. अभी ऐसा देखा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान बहुत कम है. लोग मोबाइल रिपेयरिंग को लेकर शहर आ रहे हैं. उन्हें गांव से 5 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. यदि गांव में ही मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खुल जाती है तो ग्रामीण इलाका के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी और साथ ही साथ ग्रामीण इलाका के युवकों को रोजगार मिलेगा. प्रभात संवाद में प्रभात खबर के प्रतिनिधि राघव मिश्रा ने जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए युवाओं का स्वागत किया और उनसे बातचीत की.
कहते हैं युवक
युवाओं में हुनर की कोई कमी नहीं है. अच्छा प्लेटफार्म मिले तो ग्रामीण इलाका के युवक भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं. सरकार को इस दिशा में बेहतर प्रयास करनी चाहिए.
– लालमोहन रायग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान रोजगार का एक अच्छा साधन है. आरसेटी संस्थान प्रशिक्षण दिला रही है. आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है. युवा रोजगार की दिशा में आगे बढ़ेगें.
-सोमु कुनाईसरकार की ओर से सही समय पर यदि आर्थिक सहायता मिले तो ग्रामीण इलाका में किसी भी तरह का रिपेयरिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा आत्मनिर्भर हो सकते हैं.
-मोहित कुमारयदि संस्थान मोबाइल रिपेयरिंग की तरह मोटरसाइकिल समेत अन्य चीजों के रिपेयरिंग को लेकर प्रशिक्षण दे तो युवाओं में रोजगार की कमी नहीं रहेगी.
-हीर मोहम्मदग्रामीण इलाका के युवाओं का रोजगार के प्रति रुझान है. आर्थिक तंगी ही सबसे बड़ा बाधक है. सही समय पर सरकार इस दिशा में अच्छा कदम उठाए.
-राधेश्याम भंडारीरोजगार के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है. मोबाइल रिपेयरिंग प्रशिक्षण के बाद समय पर यदि बैंक से सहायता मिलती है तो ग्रामीण इलाका के युवक और भी आगे बढ़ेंगे.
-सुदीमान टुडूग्रामीण युवक-युवतियों यदि संस्थान मोबाइल रिपेयरिंग के अलावा अन्य टेक्नीकल चीजों का प्रशिक्षण करवाए तो ग्रामीण क्षेत्राें में रोजगार की कोई कमी नही रहेगी.
-भोला रायवह दिन दूर नहीं जब गांव के लोग शहर की तरफ रुख कम करेंगे. संस्थान इस तरह के प्रशिक्षण लेकर आए. रोजगार के लिए पलायन नही करना पड़ेगा.
-निकास बेसरायुवकों के जीविकोपार्जन के लिए मोबाइल रिपेयरिंग एक अच्छा प्रशिक्षण है. प्रशिक्षण के साथ-साथ यदि समय पर बैंक से लोन मिल जाय है तो रोजगार के क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे.
-किशोर कुमार रायमोबाइल रिपेयरिंग से युवाओं की जिंदगी तो बदलेगी ही, साथ ही साथ लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. शहर की जगह ग्रामीणों को गांव में ही सुविधा मिलेगी.
-संतोष मिर्धामोबाइल रिपेयरिंग का काम सीख कर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. यह रोजगार का एक अच्छा साधन है. इसमें आसानी पूर्वक जीविका चल सकता है
-विश्वजीत कुमार देमोबाइल रिपेयरिंग का काम सीख कर युवा रोजगार करने वाले नहीं, बल्कि देने वाले भी हो सकते हैं. यदि प्रत्येक दिन 500 से 1000 रुपए की आमदनी की जा सकती है.
-पप्पू कूमार, ट्रेनरकहते हैं अधिकारी
जिले के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कभी भी उनकी आर्थिक स्थिति आड़े नहीं आए. इसके लिए संस्थान लगातार प्रयासरत है. जिले के युवाओं को लगातार हुनरमंद बनाने के लिए संस्थान हरसंभव कोशिश कर रहा है. ताकि कभी भी यहां के युवक-युवतियों को जीविकोपार्जन के लिए चिंतित नहीं होना पड़े.-धनेश्वर बेसरा, एलडीएम, पाकुड़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है