बिना नींव खोदे हो रहा था निर्माण
मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के कौड़िया के गड़ेरी टोला एवं पटखौलिया में बिना नींव खोदे ही आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कार्य शुरू किये जाने का प्रखंड प्रमुख रीमा देवी के जांच में मामला उजागर हुआ. इसके बाद पलामू के उपविकास आयुक्त रविशंकर वर्मा ने डीआरडीए के एपीओ व सहायक अभियंता को मामले की जांच […]
मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के कौड़िया के गड़ेरी टोला एवं पटखौलिया में बिना नींव खोदे ही आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कार्य शुरू किये जाने का प्रखंड प्रमुख रीमा देवी के जांच में मामला उजागर हुआ.
इसके बाद पलामू के उपविकास आयुक्त रविशंकर वर्मा ने डीआरडीए के एपीओ व सहायक अभियंता को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. डीडीसी के निर्देश के आलोक में जांच टीम ने आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण कार्य की जांच की.
सदर बीडीओ के अलावे प्रमुख, उपप्रमुख, पंसस व मुखिया की मौजूदगी में टीम के सदस्यों ने जांच की और भवन निर्माण की स्थिति देख कर हैरानी जतायी.
एपीओ व सहायक अभियंता ने 26 अप्रैल को जांच रिपोर्ट डीडीसी को सौंपा. इसके बाद जिला अभियंता ने भी दोनों आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण की जांच की. एपीओ ,सहायक अभियंता व जिला अभियंता की जांच रिपोर्ट में विरोधाभास है. एपीओ व सहायक अभियंता ने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि बिना नींव खोदे भवन का निर्माण कराया जा रहा है, जो प्रावधान के अनुसार गलत है.
वहीं यह भवन यदि पूरा हो जाता है, तो वह असुरक्षित रहेगा. भवन ध्वस्त होने की आशंका बनी रहेगी. उन्होंने प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं कराये जाने की भी रिपोर्ट दी. उन्होंने ने पटखौलिया आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण में प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं किये जाने पर संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता से 34 हजार 289 रुपये वसूली करते हुए कार्रवाई की जा सकती है.
वहीं गड़ेरी टोला आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण में भी संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही है. लेकिन जिला अभियंता ने डीडीसी को रिपोर्ट सौंपा है. उसमें इन दोनों आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण में जो त्रुटियां है, उसे दूर करने का सुझाव दिया है.
पटखौलिया आंगनबाड़ी केंद्र भवन के मामले में जिला अभियंता ने सुझाव दिया है कि भवन के चारों तरफ मिट्टी भर देने से भवन का स्थायित्व बढ़ जायेगा. वहीं गड़ेरी टोला आंनगबाड़ी केंद्र भवन के चारों कोने पर पीलर देने का सुझाव दिया है. इस तरह जिला अभियंता के जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि मामले की लीपापोती करने का सुझाव दिया गया.
वहीं जांच दल के एपीओ व सहायक अभियंता ने भवन की वास्तविक स्थिति को देखते हुए उसके भविष्य की चिंता करते हुए आगाह किया है और अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का सुझाव दिया है.