पुलिस निर्दोष लोगों को परेशान कर रही : रवींद्र
मेदिनीनगर : रविवार को पुलिसिया दमन के खिलाफ भाकपा माले व आइसा ने संयुक्त रूप से छह मुहान के पास प्रतिवाद सभा किया. सभा में भाकपा माले के नेता रवींद्र कुमार ने कहा कि रघुवर राज में राज्य की पुलिस बेलगाम हो गयी है. पुलिस बेवजह लोगों को पीट रही है. इस तरह की घटना […]
मेदिनीनगर : रविवार को पुलिसिया दमन के खिलाफ भाकपा माले व आइसा ने संयुक्त रूप से छह मुहान के पास प्रतिवाद सभा किया. सभा में भाकपा माले के नेता रवींद्र कुमार ने कहा कि रघुवर राज में राज्य की पुलिस बेलगाम हो गयी है. पुलिस बेवजह लोगों को पीट रही है.
इस तरह की घटना से आम आदमी दहशत में है. गढ़वा जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष सुषमा मेहता ने 23 जून को जेएनयू की छात्रा तिजु भगत व उसकी मां कांति देवी की निर्मम पिटाई कर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की घटना की निंदा की.
उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग के लोगों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा अन्याय किया जाता है. पारिवारिक विवाद के सुलझाने के बजाय पुलिस ने हमीदगंज निवासी कांति देवी व तिजु भगत के साथ जो कुछ भी किया, वह निंदनीय है. पुलिस चाहती तो सहज तरीके से मामले को सुलझा सकती थी.
लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित दोनेा मां, बेटी को घसीटते हुए गाड़ी में बैठाया और हाजत में बंद कर पुरुष पुलिस कर्मी लाठी से उनकी पिटाई की. उन्होंने कहा कि जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए पुलिस गाली-गलौज किया. इसके बाद भी जब पुलिस को संतुष्टि नहीं मिली, तो राइफल छीनने का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया और दोनों को जेल भेज दिया. माले नेताओं ने सवाल उठाया कि किसी व्यक्ति की शिकायत किये जाने पर क्या इस तरह की सजा देना कहां तक उचित है. अब इस तरह का पुलिसिया दमन बंद होना चाहिए अन्यथा पुलिस के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा.
वक्ताओं ने कांति देवी व तिजु भगत को रिहा करने व झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग की है. शिवकुमार पासवान, उपेन्द्र चंद्रवंशी, कमेश सिंह चेरो, अरविंद प्रसाद, अनिता देवी, आइसा नेत्री दिव्या भगत, जेएनयू छात्र अमृत कुमार, विनय यादव, आमीर, काजल मेहता, शिवनाथ महतो, अखिलेश यादव ने भी पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की.