तीन चिकित्सा पदाधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक
मनातू, लेस्लीगंज व हरिहरगंज प्रखंड में एएनसी 90 फीसदी से भी कम मेदिनीनगर : बुधवार को डीआरडीए के सभागार में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की संयुक्त बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपविकास आयुक्त सुशांत गौरव ने की. बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की गयी. डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह ने […]
मनातू, लेस्लीगंज व हरिहरगंज प्रखंड में एएनसी 90 फीसदी से भी कम
मेदिनीनगर : बुधवार को डीआरडीए के सभागार में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की संयुक्त बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपविकास आयुक्त सुशांत गौरव ने की. बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की गयी. डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं के कार्यों से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किये. समीक्षा में पाया गया कि जिले में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 132 प्रतिशत हुआ है. पहले एएनसी 86 प्रतिशत था. इस मामले में मनातू, लेस्लीगंज एवं हरिहरगंज प्रखंड की उपलब्धि काफी कम पायी गयी.
डीडीसी ने एएनसी में 90 प्रतिशत से कम उपलब्धि हासिल करने वाले मनातू, हरिहरगंज एवं लेस्लीगंज प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन निकासी पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया. बैठक में बताया गया कि जिले का चौथा एएनसी 77 प्रतिशत है. हुसैनाबाद की उपलब्धि 28 प्रतिशत रही. डीडीसी ने एक सप्ताह के अंदर आंकड़ों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. कहा कि दोषी पदाधिकारियों के वेतन निकासी पर रोक लगायी जायेगी. डीडीसी ने कहा कि मातृ मृत्यु दर के मामले झारखंड में सबसे अधिक है.
झारखंड में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर पलामू का है. इसे रोकने की दिशा में विशेष रूप से कार्य करने की जरूरत है. डीडीसी ने इस संबंध में पलामू के सीएस एवं डीपीएम को मातृ मृत्यु दर के तीन कारणों को चिह्नित करते हुए उससे निबटने का उपाय करने का निर्देश दिया. यूनिसेफ की डॉ सरिता ने सदर अस्पताल के लेबर रूम को मॉडल बनाने पर जोर दिया. डीडीसी ने संस्थागत प्रसव, साफ-सफाई, बायोमेडिकल वेस्ट आदि को दुरुस्त करने को कहा. बैठक में सीएस डा. कलानंद मिश्रा, आरसीएचओ डा. एमपी सिंह, अतुल कुमार सिन्हा, कृष्ण कुमार शर्मा समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीडीपीओ एवं आइसीडीएस, सुपर वाईजर आदि उपस्थित थे.