सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं : सुधा चौधरी
पड़वा. पूर्व मंत्री सुधा चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों के समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है. उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया जा रहा और किसान कर्ज के बोझ तले दब कर आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों के दर्द को दूर करने की बजाये राज्य सरकार अपना पीठ खुद थपथपाने में लगी है. सरकार को […]
पड़वा. पूर्व मंत्री सुधा चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों के समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है. उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया जा रहा और किसान कर्ज के बोझ तले दब कर आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों के दर्द को दूर करने की बजाये राज्य सरकार अपना पीठ खुद थपथपाने में लगी है. सरकार को जनहित से कोई मतलब नहीं रह गया है.
सरकार में बैठे लोग केवल अपने हित में काम कर रहे हैं. श्रीमती चौधरी मंगलवार को पड़वा में पत्रकारों से बात कर रही थी. उन्होंने कहा कि खेती के लिए उपयुक्त समय आर्द्रा नक्षत्र बीतने को है, लेकिन किसान मायूस है.कारण स्पष्ट है एक तो बारिश पर्याप्त नहीं हुई है, वहीं सरकार भी दगा दे रही है. अभी तक किसानों को सरकारी स्तर पर बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है. विवश होकर किसानों को महंगे दामों पर बीज खरीदना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पाटन की एक महिला को 2000 रुपये के लिए बैंक में तीन दिन तक लाइन में लगना पड़ा. लेकिन उसे रुपया नहीं मिला, बल्कि उसे मौत मिल गयी. इस घटना का दोषी बैंक प्रबंधक है, जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. श्रीमती चौधरी ने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से किसानों के केसीसी ऋण को माफ करने की मांग की है. इस मौके पर उमाशंकर मेहता, चिंटू मेहता, दिलीप मेहता, ओम मेहता, सुनील मेहता, सुनील चौहान, सुरेंद्र यादव सहित कई लोग मौजूद थे.