नियमित नहीं खुलता आंगनबाड़ी केंद्र

चैनपुर : पलामू के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रामगढ़ प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों का बुरा हाल है. केंद्र नियमित रूप से नहीं खुलता. उग्रवाद प्रभावित इलाका होने के कारण कोई जाता भी नहीं. इसलिए सेविका सहायिका की अपनी मरजी चलती है. पंचायत चुनाव होने के बाद यह उम्मीद की गयी थी जब गांव की सरकार होगी, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2017 12:37 PM
चैनपुर : पलामू के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रामगढ़ प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों का बुरा हाल है. केंद्र नियमित रूप से नहीं खुलता. उग्रवाद प्रभावित इलाका होने के कारण कोई जाता भी नहीं. इसलिए सेविका सहायिका की अपनी मरजी चलती है.
पंचायत चुनाव होने के बाद यह उम्मीद की गयी थी जब गांव की सरकार होगी, तो इस पर निगरानी होगी. लेकिन पंचायत प्रतिनिधि भी लाचरगी जताते हैं. प्रमुख गुड्डी देवी स्वीकार करती है स्थिति ठीक नहीं पर करे क्या. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ जरूरतमंदों तक कैसे पहुंचेगा. प्रभात खबर प्रतिनिधि ने शुक्रवार को रामगढ़ प्रखंड के बांसडीह खुर्द पंचायत के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का आन स्पॉट जायजा लिया.
इस दौरान स्थिति क्या थी जानिए इस रिपोर्ट में : बांसडीह खुर्द पंचायत : पांच में से चार आंगनबाड़ी केंद्र बंद: बांसडीह खुर्द पंचायत में कुल 11 आंगनबाड़ी केंद्र है. इस पंचायत के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रभात खबर आन स्पॉट के दौरान मात्र एक आंगनबाड़ी केंद्र खुला मिला. जबकि चार आंगनबाड़ी केंद्र बंद थे. बांसडीह खुर्द के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-3 बंद पड़ा था. वहां ग्रामीण चमरू मलार, नीमा उरांव से मुलाकात हुई.
चर्चा जब आंगनबाड़ी केंद्र की शुरू हुई, तो वे लोग कहने लगे आप आज की बात कर रहे है. अक्सर यहां आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहता है. आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-2 खुला था, लेकिन वहां बच्चे नहीं थे. सेविका लालमणि मिंज केंद्र में मौजूद थी. पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी बरसात में खेतीबारी का सीजन है. बच्चे मां के साथ खेत में चले जा रहे हैं. इस कारण केंद्र में बच्चे नहीं आये हैं.
बांसडीह खुर्द पंचायत के ही चुनगा में जो आंगनबाड़ी केंद्र है, वह सेविका के घर में चलता है. लेकिन इसके बाद भी आंगनबाड़ी केंद्र खुलता नहीं. अक्सर बंद रहता है. जब इसके बारे में सेविका प्रतिमा देवी से जानकारी मांगी गयी तो उन्होंने कहा कि आप होते कौन है जानकारी लेने वाले?
सरकारी पत्र दिखायी उसके बाद बात होगी,नहीं तो रोज ऐसे लोग आते हैं. इसी पंचायत के उलमान के आंगनबाड़ी केंद्र वन व टू भी पाया गया. ग्रामीण सत्यनारायण सिंह, रामजीत सिंह, राजेंद्र कोरवा, नंदू सिंह की माने तो कभी कभार आंगनबाड़ी केंद्र खुलता है. लेकिन पोषाहार नहीं मिलता. बच्चों को बिस्कुट देकर वापस कर दिया जाता है.

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