सामूहिक प्रयास से बदलेगी राज्य की तसवीर, इंटर विश्वविद्यालय चांसलर्स ट्रॉफी कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह में बोलीं राज्यपाल

मेदिनीनगर : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि विश्वविद्यालय, कॉलेज व विद्यालय के स्तर पर इस तरह का माहौल तैयार करना होगा, जिससे न सिर्फ झारखंड, बल्कि दूसरे राज्य के बच्चे भी शिक्षा और ज्ञान अर्जित करने यहां आ सकें. यह काम मुश्किल नहीं है. सरकारी स्तर पर जो विद्यालय हैं, विश्वविद्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 6:48 PM

मेदिनीनगर : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि विश्वविद्यालय, कॉलेज व विद्यालय के स्तर पर इस तरह का माहौल तैयार करना होगा, जिससे न सिर्फ झारखंड, बल्कि दूसरे राज्य के बच्चे भी शिक्षा और ज्ञान अर्जित करने यहां आ सकें. यह काम मुश्किल नहीं है. सरकारी स्तर पर जो विद्यालय हैं, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं, उसमें दक्ष व अनुभवी शिक्षक हैं. यदि वे संकल्प लेकर काम करेंगे, तो वातावरण बदलने में देर नहीं लगेगी.

राज्यपाल ने कहा कि आनेवाले दिनों में झारखंड शिक्षा हब के रूप में विकसित हो, इसके लिए सभी को मिल कर प्रयास करना होगा. सामूहिक प्रयास से ही तस्वीर बदलेगी. राज्यपाल मेदिनीनगर के जीएलए कॉलेज परिसर में नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम इंटर विश्वविद्यालय चांसलर्स ट्रॉफी कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह में बोल रही थीं.

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राज्यपाल ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए जमाने के साथ चलना होगा. वर्तमान दौर ऑलराउंडर का है. इसलिए यह आवश्यक है कि बच्चे सभी फील्ड में अपनी प्रतिभा को निखारें, क्योंकि झारखंड की माटी में प्रतिभा भरी पड़ी है. लेकिन, ऐसा देखा जाता है कि प्रतिभा को उचित मार्गदर्शन व प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण वह कुंठित हो जाती है. राज्य का समेकित विकास हो, इसके लिए यह आवश्यक है कि यहां मानव संसाधन का भी विकास हो. मानव संसाधन के विकास का एक मात्र रास्ता शिक्षा है, जिसके माध्यम से लोगों को आगे बढ़ना होगा. शिक्षक व विद्यार्थी दोनों को अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी.

इस अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता कुलपति डॉ एसएन सिंह व संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ कुमार वीरेंद्र ने किया. मौके पर प्रमंडलीय आयुक्त राजीव अरुण एक्का, डीआइजी विपुल कुमार शुक्ला, डीसी अमीत कुमार, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा, प्रतिकुलपति डॉ विजय सिंह, कुलसचिव डॉ राकेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ गंगा सिंह, वित्त पदाधिकारी डॉ नकुल प्रसाद, सहायक कुल सचिव बीके देवधरिया, सीसीडीसी एके पांडेय, प्राचार्य डॉ जयगोपालधर दुबे, योधसिंह नामधारी महिला कालेज की प्राचार्य डॉ मोहिनी गुप्ता, झारखंड माटीकला बोर्ड के सदस्य अविनाश देव आदि मौजूद थे. समापन समारोह के पूर्व राज्यपाल ने जीएलए कॉलेज परिसर में बने बीएड संकाय भवन का उदघाटन किया. चियांकी हवाई अड्डे पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. समारोह में राज्यपाल व अतिथियों को प्रतीक चिह्न व शॉल देकर सम्मानित किया गया.

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कोचिंग से दूरी बनायें, नियमित क्लास करें : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यदि विद्यार्थियों के मन में यह चल रहा हो कि कोचिंग से उनका काम चल जायेगा, तो यह भ्रम है. इसे जितना जल्द हो, अपने मन से निकाल देना चाहिए. शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विद्यार्थियों का जुड़ाव कैंपस से होना चाहिए. नियमित क्लास करने से जो ज्ञान हासिल होता है, वह दो घंटे की कोचिंग में मुमकिन नहीं.

बच्चे क्लास से दूर क्यों, कारण तलाशें शिक्षक : राज्यपाल ने कहा कि यदि बच्चे नियमित क्लास नहीं आ रहे हैं, तो उसकी वजह क्या है. इसे भी शिक्षकों को खोजना होगा. जहां भी कमी है, उसे दूर कर ऐसा माहौल बनाना होगा, जिससे विद्यार्थी कैंपस से दूर नहीं, बल्कि इससे जुड़ कर अपना भविष्य बेहतर बनायें. गुणात्मक शिक्षा के लिए मिल कर मेहनत करना होगा. एक-दूसरे पर दोषारोपण से स्थिति में बदलाव नहीं आयेगा. राज्यपाल ने शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया. विद्यार्थी देश के भविष्य हैं. उनके ऊपर परिवार,समाज व राष्ट्र की जिम्मेवारी है. इसका ईमानदारी के साथ निर्वहन तभी होगा, जब हम उन्हें बेहतर शिक्षा देकर तैयार करेंगे.

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पुस्तकालय को अपडेट रखें : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कैंपस से बच्चों का जुड़ाव रहे, इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों का भी संचालन होना चाहिए, ताकि बच्चे कैंपस के प्रति आकर्षित हों. शिक्षा को बोझिल बनाने की बजाय उसे रुचिकर बनाना होगा. यदि कॉलेज व विवि स्तर पर पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक, खेल, क्विज आदि गतिविधियां संचालित होंगी, तो जिस विद्यार्थी में जो हुनर होगा, इन गतिविधियों के माध्यम से सामने आयेगा. पढ़ाई के साथ-साथ हर क्षेत्र में विद्यार्थियों का दखल बढ़ेगा. कॉलेज व विवि स्तर पर पुस्तकालय को भी अपडेट होना चाहिए. साथ ही प्रयोगशाला पर भी ध्यान देने की जरूरत है. कॉलेजों में बिजली, पानी, शौचालय, खेल संसाधन की व्यवस्था हरहाल में दूर हो. जो बच्चे दूर से आ रहे हैं, उनके लिए हॉस्टल की भी व्यवस्था हो.

छात्राओं को मिले कराटे का प्रशिक्षण : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने छात्राओं के आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण देने पर जोर दिया. कहा कि जब वह सिदो कान्हू विवि में गयीं, तो वहां छात्राओं ने परेशानी बतायी थी कि कैसे उन लोगों को परेशानी होती है. कॉलेज आने-जाने के क्रम में कुछ मनचले परेशान करते हैं. सुरक्षा के लिए तो पुलिस काम कर ही रही है. लेकिन छात्राएं किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार हो, इसके लिए कॉलेज व विवि स्तर पर उन्हें आत्मरक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. इस बात पर भी विवि प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

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जल्द ही होगा अपना प्रांगण : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह सही कि नीलांबर-पीतांबर विवि का अपना प्रशासनिक भवन नहीं होने के कारण विवि स्तर पर जितना कुछ होना चाहिए था, वह आज तक नहीं हो पाया है. जमीन नहीं मिलने के कारण स्थापना के आठ वर्षों के बाद भी अपेक्षित कार्य नहीं हुआ. लेकिन, अब भूमि मिल गयी है. जल्द ही विवि का अपना प्रांगण होगा. संसाधन विकसित होंगे, तब विद्यार्थियों के लिए बेहतर माहौल मिलेगा. प्रयास किया जा रहा है कि विवि बेहतर करें. इस उद्देश्य को लेकर झारखंड में सभी विवि के लिए शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है. अब समय पर नामांकन, परीक्षा व परीक्षा फल का प्रकाशन होगा.

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