हर साल दो से तीन बिलियन टन कोयला खोज रहा सीएमपीडीआइ

हर साल दो से तीन बिलियन टन कोयला खोज रहा सीएमपीडीआइ रांची. सीएमपीडीआइ हर साल औसतन दो से तीन बिलियन टन कोयला खोज कर रहा है. इससे नयी खदान खोलने में सहायता मिली है. कंपनी ने हाल के वर्षों में ड्रिलिंग क्षमता बढ़ायी है. चालू वित्तीय वर्ष में सितंबर महीने तक सीएमपीडीआइ ने पिछले साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2017 12:00 AM

हर साल दो से तीन बिलियन टन कोयला खोज रहा सीएमपीडीआइ रांची. सीएमपीडीआइ हर साल औसतन दो से तीन बिलियन टन कोयला खोज कर रहा है. इससे नयी खदान खोलने में सहायता मिली है. कंपनी ने हाल के वर्षों में ड्रिलिंग क्षमता बढ़ायी है. चालू वित्तीय वर्ष में सितंबर महीने तक सीएमपीडीआइ ने पिछले साल की तुलना में 44 फीसदी अधिक ड्रिलिंग किया है. तय लक्ष्य से करीब 124 फीसदी अधिक ड्रिलिंग किया गया है. विभागीय ड्रिलिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए 12 हाइटेक ड्रिल मशीन खरीदी गयी है. इससे 2013-14 में 3.25 लाख मीटर ड्रिलिंग की तुलना में 2016-17 में 4.42 लाख मीटर ड्रिलिंग की गयी है. कोयला मंत्रालय ने सीएमपीडीआइ को निर्देश दिया है कि देश में रीजनल एवं डिटेल एक्सप्लोरेशन को बढ़ाया जाये. देश में इस प्रकार के क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए जीएसआइ के परामर्श से काम करना है. ड्रिलिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें नये हाइटेक ड्रिल का उपयोग, ड्रिलों की संख्या में बढ़ोतरी, श्रमशक्ति बढ़ाना, संबंधित राज्य सरकारों से विधि-व्यवस्था की समस्या को हल करने में सहायता प्राप्त करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा संबंधित राज्यों से फॉलोअप भी शामिल है.

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