मेदिनीनगर :प्रभु श्रीराम के आदर्श को अपनाने की जरूरत : एसपी
मेदिनीनगर : शहर के साहित्य समाज चौक स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ का 65 वां अधिवेशन शुरू हुआ. शुक्रवार को पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने पूजा अर्चना के बाद अधिवेशन का उदघाटन किया. यज्ञ समिति के लोगों ने मुख्य अतिथि एसपी श्री माहथा को शॉल देकर […]
मेदिनीनगर : शहर के साहित्य समाज चौक स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ का 65 वां अधिवेशन शुरू हुआ. शुक्रवार को पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने पूजा अर्चना के बाद अधिवेशन का उदघाटन किया. यज्ञ समिति के लोगों ने मुख्य अतिथि एसपी श्री माहथा को शॉल देकर सम्मानित किया.
इस अवसर पर 62 वां, 63 वां एवं 64 वां अधिवेशन की मानस पुस्तिका का विमोचन किया गया. मुख्य अतिथि एसपी श्री माहथा ने प्रभु श्रीराम के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला. कहा कि प्रभु श्रीराम की शरणागति ही एकमात्र उपाय है.
प्रभु श्रीराम के बिना किसी का कल्याण नहीं हो सकता. प्रभु श्रीराम के आदर्श जीवन से हम सभी को सीख लेने की जरूरत है और उसे अपने जीवन में उतारना होगा. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी हो या अनुयायी सभी को प्रभु श्री राम की शरण की जरूरत है तभी उसका जीवन का लक्ष्य पूरा होगा. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने संसार में आकर अपनी जिम्मेवारी का निर्वह्न किया और लोगों को इसका संदेश दिया. उस संदेश को आत्मसात करने की जरूरत है. रामराज्य की कल्पना तभी साकार होगा, जब लोग इंसानियत के गुणों को धारण करेंगे और प्रभु श्रीराम के बताये रास्ते पर चलेंगे.
उन्होंने कहा कि किसी भी जगह पर 65 वर्षों से प्रभु श्रीराम की कथा का आयोजन होना इस बात को दर्शाता है कि वहां के लोगों में इंसानियत का गुण और मानवता का धर्म पल रहा है. उन्होंने यज्ञ की सफलता की कामना की. उदघाटन के बाद पंडित प्रेम कुमार मिश्रा के नेतृत्व में मानस पाठ शुरू हुआ. शाम में प्रवचन का कार्यक्रम शुरू होगा. समिति के सचिव शिवनाथ अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश के रीवा की मानस कोकिला डॉ ज्ञानमति अवस्थी एवं उत्तर प्रदेश से पधारे लक्ष्मणाचार्य का प्रवचन होगा.
इसके अलावे शनिवार से लंदन के प्राह्लाद नारायण शुक्ला एवं बिहार के विनोद पाठक का प्रवचन होगा. इस अवसर पर गंगा नारायण अवस्थी, समिति के अध्यक्ष ध्रुव नारायण सिंह, विभाकर नारायण पांडेय, रविशंकर उपाध्याय, इंद्रेश्वर उपाध्याय, बलराम, ज्ञानचंद पांडेय, प्रभू नारायण पाठक, सुरेश उदयपुरी, जयगोविंद, प्रदीप शुक्ला, उमाकांत सिंह, भरत सिंह, रामयश उपाध्याय, युगलकिशोर पाठक, बैकुंठ दुबे, शैलेंद्र अग्रवाल, यज्ञाचार्य पंडित रामनरेश पाठक, पुजारी सुरेश पाठक सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.