ज्ञानोदय स्कूल में बनी थी रणनीति
ज्ञानोदय स्कूल में बनी थी रणनीति में अभ्यर्थियों के साथ परीक्षा में गड़बड़ी कराने वाले लोग रुके थे. उस विद्यालय के बारे में पलामू पुलिस को पता चल गया है. पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि चार नवंबर की रात अभ्यर्थियों को जहां रोककर रखा गया था, वह विद्यालय रांची जिले के […]
ज्ञानोदय स्कूल में बनी थी रणनीति में अभ्यर्थियों के साथ परीक्षा में गड़बड़ी कराने वाले लोग रुके थे. उस विद्यालय के बारे में पलामू पुलिस को पता चल गया है. पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि चार नवंबर की रात अभ्यर्थियों को जहां रोककर रखा गया था, वह विद्यालय रांची जिले के नगड़ी में स्थित है.
उस विद्यालय का नाम ज्ञानोदय विद्यालय है. इस विद्यालय के संचालक की परीक्षा में अनियमितता के मामले में क्या भूमिका थी, इसकी भी जांच शुरू कर दी गयी है. यह देखा जा रहा है कि परीक्षा के दौरान जो योजना सेटिंग-गेटिंग करने वालों ने तैयार किया था. उसमें स्कूल संचालक की किस रूप में क्या भूमिका थी. जिस बस से अभ्यर्थियों को मेदिनीनगर लाया गया था. वह बस किस कंपनी की थी. इसकी पहचान कर ली गयी है.
यद्यपि पुलिस ने अभी बस के बारे में पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. लेकिन इसके बारे में पुलिस को विस्तृत जानकारी मिली है. इसलिए पुलिस इस मामले के पूरे तह में जाने की कोशिश में जुटी है.
एसपी श्री माहथा ने बताया कि अनुसंधान व अनियमितता में शामिल अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर जो जानकारी मिली थी, उसके आधार पर पुलिस उपाधीक्षक प्रेमनाथ के नेतृत्व में एक टीम रांची भी गयी थी. रांची पुलिस के सहयोग से पलामू पुलिस ने रांची के कई ठिकानों पर छापामारी भी की. इस दौरान चार लोग हिरासत में भी लिये गये है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होगा.
पटना के अमित सिंह के खिलाफ वारंट निर्गत हो चुका है. उसकी गिरफ्तारी हो, इसके लिए पलामू पुलिस निरंतर पटना पुलिस के संपर्क में है. पुलिस की माने तो इस रैकेट में जो लोग शामिल है, वह परीक्षा में सेटिंग-गेटिंग कर के ही अपनी आर्थिक हैसियत काफी मजबूत कर ली है.
रांची की रूपेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यह दस्तावेज भी मिला है कि इंजीनियरिंग दाखिले में भी सेटिंग का काम रूपेश सिंह करता था. मालूम हो कि पलामू में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के नियुक्ति के लिए पैनल निर्माण को लेकर पांच नवंबर को लिखित परीक्षा आहूत की गयी थी. इस परीक्षा में अनियमितता के मामले सामने आने के बाद उपायुक्त अमीत कुमार नेइस रैकेट को पकड़ने के लिए सक्रियता दिखायी.पहले चरण में अधिकतम अंक लाने वालों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया.
इसी दौरान पूरा मामला सामने आया. उपायुक्त के सक्रियता के कारण ही पूरे मामले का खुलासा हुआ. अब तक इस मामले में 59 अभ्यर्थियों के साथ-साथ रैकेट से जुड़े रूपेश सिंह को जेल भेजा जा चुका है.