पाटन (पलामू) : सरकार के टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के जिले में ही घोर लापरवाही के कारण चार बच्चों की मौत हो गयी. पलामू के पाटन प्रखंड के लोइंगा गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र (संख्या तीन) में एएनएम द्रौपदी पांडेय ने इन बच्चों को शनिवार को टीका (बूस्टर) लगाया था.
इनकी उम्र एक से दो साल के बीच थी. चार अन्य बच्चे बीमार हैं. इनमें एक को रिम्स रेफर कर दिया गया है. तीन बच्चों का इलाज मेदिनीनगर सदर अस्पताल में चल रहा है.
टीका लगाने के बाद बिगड़ी हालत : शनिवार को कुल आठ बच्चों को टीका लगाया गया था. परिजनों के अनुसार, टीका लगाये जाने के बाद से ही बच्चों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गयी. बुखार भी आ गया.
परिजनों को लगा कि यह टीके के बाद की सामान्य प्रक्रिया है. कुछ देर बाद बच्चों को उल्टी-दस्त होने लगी. हालत बिगड़ने पर परिजन बच्चों को लेकर शनिवार रात को ही किशुनपुर के स्वास्थ्य केंद्र में गये. यहां तीन बच्चों उज्ज्वल कुमार (पिता उपेंद्र ठाकुर), संजू कुमारी (पिता संतोष यादव) व आर्यन कुमार (पिता धीरेंद्र भुईयां) की मौत हो गयी. पांच बच्चों को मेदिनीनगर सदर अस्पताल लाया गया. यहां इलाज के दौरान आयुष कुमार (पिता संतोष यादव ) की मौत हो गयी. प्रभात कुमार (पिता मनीष पासवान) को रिम्स रेफर किया गया. तीन बच्चों का इलाज सदर अस्पताल में हो रहा है.
जिन बच्चों की हुई मौत
उज्ज्वल कुमार (पिता उपेंद्र ठाकुर)
संजू कुमारी (पिता संतोष यादव)
आर्यन कुमार (पिता धीरेंद्र भुईयां )
आयुष कुमार (पिता संतोष यादव )
रिम्स रेफर : प्रभात कुमार (पिता मनीष पासवान)
सदर अस्पताल में चल रहा इलाज
निरंजन कुमार (पिता सकेंद्र कुमार )
पुत्री चमृता कुमारी (पिता नारद यादव)
प्रेरणा कुमारी (पिता जितेंद्र भुईयां)
लोगों का आरोप : रात को ही बीडीओ व थानेदार को दी गयी थी सूचना, पर कोई नहीं आया
ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार रात को ही बीडीओ और थाना प्रभारी को घटना की सूचना दी गयी थी. पर न तो बीडीओ और न ही कोई अन्य पदाधिकारी गांव पहुंचे. इससे लोग आक्रोशित हो गये. लोगों ने रविवार सुबह 8:45 बजे लोइंगा के पंचायत सचिवालय के पास मुख्य पथ जाम कर दिया.
करीब 9:20 बजे विधायक राधाकृष्ण किशोर पहुंचे. उनके साथ बीडीओ सोमनाथ बनर्जी भी थे. विधायक के आश्वासन के बाद लोगों ने जाम हटाया. डीसी अमित कुमार ने बताया, बच्चों को नियमित टीका दिया गया था. जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी. पोस्टमार्टम कराया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का खुलासा हो पायेगा. दवा एक्सपायर्ड नहीं थी.
सीएम ने दिया जांच का आदेश
पीड़ित परिवार को एक-एक लाख की सहायता
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घटना को गंभीरता से लिया है. मामले की जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा, इस घटना से मन द्रवित है. जिसकी भी गलती होगी, उसे बख्शा नहीं जायेगा. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दिये जाने की घोषणा की है.
स्वास्थ्य सेवा के निदेशक करेंगे जांच दो विशेषज्ञ डॉक्टर पलामू भेजे गये
मुख्यमंत्री के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने स्वास्थ्य सेवा के निदेशक सुमंत मिश्रा को मामले की जांच करने का आदेश दिया है.
वह सप्ताह भर में अपनी रिपोर्ट देंगे. निधि खरे के निर्देश पर मुख्यालय से एक्सपर्ट इन रूटीन इम्यूनिस्टेशन डॉ अजीत प्रसाद और इपिडिमिलॉजिस्ट डॉ प्रवीण कर्ण को भी पलामू भेजा गया है. स्वास्थ्य सचिव ने पलामू के सिविल सर्जन से बात कर मामले की प्रारंभिक जानकारी ली है. उन्होंने दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई का आदेश दिया है. पलामू के उपायुक्त अमित कुमार को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
जांच टीम में कौन-कौन : डॉ एके श्रीवास्तव के नेतृत्व में बनी जांच टीम में डॉ राजीव नयन, डब्लूएचओ के डॉ बलेमा, यूनिसेफ के मनीष प्रियदर्शी, डीपीएम प्रवीण सिंह, आरसीएच पदाधिकारी डॉ एमपी सिंह, अतुल कुमार सिन्हा व कृष्ण कुमार शर्मा शामिल हैं.
क्या हो सकता है कारण
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अनिताभ कुमार ने बताया कि टीकाकरण से अमूमन मौतें नहीं होती हैं. लेकिन अगर बच्चे को पहले से बीमारी हो और टीका दिया गया हो, तो मौत संभव हो सकता है. इसके अलावा कोल्ड चेन के मानक को अगर सही से पालन नहीं किया गया हो, तो यह संभव हो सकता है. अभिभावक कई बार अपने बच्चे की बीमारी को छुपाते हैं.