बालक की हत्या में तीन को आजीवन कारावास
मेदिनीनगर : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत ने आठ साल के बालक का अपहरण कर उसकी हत्या करने के मामले के तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. जिन आरोपियों को सजा सुनायी गयी है, उसमें हैदरनगर थाना क्षेत्र के सोवा गांव के मुन्ना मेहता, दीपक मेहता व […]
मेदिनीनगर : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत ने आठ साल के बालक का अपहरण कर उसकी हत्या करने के मामले के तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. जिन आरोपियों को सजा सुनायी गयी है, उसमें हैदरनगर थाना क्षेत्र के सोवा गांव के मुन्ना मेहता, दीपक मेहता व अशोक मेहता शामिल है. इन आरोपियों पर अलग- अलग धाराओं में 20- 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि जमा नही करने पर आरोपियों को छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
क्या है मामला : मामला 4 जनवरी 2015 का है.
मामले की नामजद प्राथमिकी हैदरनगर थाना में मृतक दिव्य प्रकाश के पिता सोवा गांव के रहनेवाले महेंद्र कुमार ने दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि उनका पुत्र उक्त तिथि को अपनी मां से सुबह 8.30 बजे खाना मांगने आया. मां ने कहा कि खाना नहीं बना है, थोड़ी देर में मिलेगा. इस पर उसके पुत्र ने कहा कि वह थोड़ी देर में बाहर से आ रहा हूं. काफी समय बीत जाने पर भी जब उसका पुत्र घर नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन शुरू की गयी. लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया. बातचीत के क्रम में यह पता चला कि गांव के ही कुछ लोगो के साथ उसके पुत्र को देखा गया. इसी के आधार पर नामजद प्राथमिकी हैदरनगर थाना में दर्ज करायी गयी. दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया था कि गांव में कुछ दिन पहले एक फेरी वाले के साथ लूटपाट की घटना हुई थी. महेंद्र का पुत्र दिव्य प्रकाश लूटपाट करने वाले आरोपियों को देख लिया था. इस बात की जानकारी उसके पुत्र अपने परिवार के सदस्यों को दी थी. इसी बात को लेकर इस मामले के आरोपियों को यह लग रहा था कि गांव में यह बात फैल जायेगी और उनकी बदनामी होगी.
आरोपियों ने उक्त तिथि को महेंद्र कुमार के पुत्र दिव्य प्रकाश को घर से बाहर निकलते ही अपने कब्जे में ले लिया और खाना खिलाने के बहाने वे लोग उसे कनबध पहाड़ पर ले गये. आरोपियों ने गला दबाकर और उसके चेहरे को बुरी तरह से कुचलकर हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद वे लोग गांव में आकर क्रिकेट खेलने लगे. इस मामले में प्राथमिकी के बाद पुलिस ने अपने अनुसंधान के दौरान आरोपियों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर बच्चे का शव तथा उसे मारने के प्रयुक्त पत्थर को घटना स्थल से बरामद कर लिया था. इस मामले में न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध सश्रम आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड भी लगाया है.